बवासीर का अंत तुरंत,कर लें ये उपाय
बवासीर या पाइल्स का घरेलू उपचार
बवासीर यानि पाइल्स जिसे चिकित्सीय भाषा में हेमरोइड्स भी कहते हैं, एक ऐसी बीमारी है जिसमें मल त्याग के वक्त बहुत कठिनाई व दर्द होता है। इस स्थिति में गुदा के अंदर व बाहर तथा मलाशय का निचला हिस्सा सूज जाता है। सूजन के कारण असहनीय दर्द के साथ असहजता भी बढ़ती है। कई बार लोग झिझक के मारे डॉक्टर से बात करने में भी कतराते हैं। इसके कारण न केवल परेशानी बल्कि संक्रमण का खतरा भी ज्यादा हो जाता है। किसी भी उम्र के लोगों को ये बीमारी अपनी चपेट में ले सकती है। आइए जानते हैं बवासीर के घरेलू उपचार,सावधानियों और जीवनशैली के बारे में।
बवासीर या पाइल्स के घरेलू उपचार
1.नारियल की दाड़ी और गाय के दूध का दही
आज हम आपको बवासीर का एक घरेलू सटीक उपचार बताएंगे जिससे 48 घंटे के भीतर बवासीर (Piles) का खात्मा हो जायेगा।इसके लिए गाय के दूध की दही तथा एक नारियल चाहिए। इस नुस्खे को बनाने के लिए सबसे पहले नारियल की जटाओं को जलाकर उसकी राख को किसी स्वच्छ कांच की शीशी में पैक कर दें।
सुबह के वक्त पेट साफ करके इस नुस्खे को उपयोग में लाना है। इसके लिए एक कटोरी में थोड़ा सा दही लेकर उसमें 5 से 6 ग्राम नारियल का भस्म डालकर अच्छी तरह से मिलाएं और इसका सेवन करें। इस नुस्खे का सेवन कर लेने के बाद पूरे दिन आपको किसी भी प्रकार की वस्तु का सेवन नहीं करना है।
इसे आपको दिन भर में तीन बार लेना है। सुबह, दोपहर व सोने से पहले। यदि आपको भूख सहन नहीं हो रही है तो, आप दही खा सकते हैं। मगर ध्यान रहे कि, दही के अलावा किसी भी प्रकार की वस्तु का सेवन ना करें। इस दवा को 48 घंटो तक उपयोग में लाएं, आपको जल्द ही इस रोग से छुटकारा पा लेने की सूचना मिलेगी।
2.बवासीर में फायदे मंद सेब का सिरका
सेब का सिरका अपने कषाय गुणों के कारण रक्त वाहिनियों को सिकोड़ने में मदद करता है। खूनी बवासीर में एक गिलास पानी में सेब के सिरके का एक चम्मच डालकर दिन में दो बार पिएं। बादी बवासीर में सेब के सिरके में रुई भिगाकर गुदा में रखें। इससे जलन और खुजली से राहत मिलेगी।
3.बवासीर के उपचार के लिए जैतून के तेल
जैतून के तेल में सूजन ठीक करने वाले गुण होते हैं। यह रक्तवाहिकाओं में आई सूजन को कम करता है। जैतून के तेल को बादी बवासीर के मस्सों पर लगाएं। जल्द राहत मिलेगी।
4.नीम के फलों की गिरी:
नीम के फलों की गिरी पाइल्स रोग में बहुत शीघ्र लाभ देती है।एक नीम के फल की गिरी और उतनी ही मात्रा में गुड़ रोज सुबह खाली पेट लेने से 7 से 8 दिन के अंदर पाइल्स रोग जड़ से खत्म किया जा सकता है।
5.हल्दी का लेप भी फायदेमंद है बवासीर में
इसके अलावा हल्दी लेप भी इसका अच्छा इलाज है। पिसी हल्दी और कड़वी तोरई के रस को मस्सों यानी पाइल्स के स्थान पर लगाने से 8 से 10 दिनों में बहुत अधिक लाभ दिखाई देता है।इसके अलावा कड़वा नीम का तेल या अन्य कड़वे तेलों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
6.इप्सम साल्ट और ग्लिसरीन:
यह घरेलू उपचार दर्दनाक बवासीर को कम करने में मदद करता है। इन दोनों को साथ में मिलाकर लगाने से सूजन में आराम मिलता है। इस मिश्रण का प्रयोग इस प्रकार करें- ग्लिसरीन और इप्सम साल्ट की 2-2 चम्मच लेकर मिलाएं और प्रभावित जगह पर लगाएं और 15 से 20 मिनट तक इसे लगा रहने दें। इसे हर 4 से 6 घंटे के अंतराल पर लगाते रहें जब तक कि दर्द से राहत नहीं मिल जाती।
7.एलोवेरा लाभकारी है बवासीर में:
बवासीर के इलाज के लिए एलोवेरा का इस्तेमाल सालों से किया जाता रहा है। इसमें एंटी−इंफलेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो जलन को कम करने में मदद करते हैं। बवासीर के इलाज के लिए आपको एलोवेरा के पौधे से जेल निकालकर उसका ही उपयोग करना चाहिए। हालांकि इस नुस्खे को आजमाने वाले कहते हैं कि कुछ लोगों को एलोवेरा से एलर्जी होती है। इसलिए पहले आप इसे अपने बाजू पर रगड़कर पहले चेक कर लेना चाहिए। अगर आपको कोई प्रतिक्रिया नहीं होती है तो आप इसका इस्तेमाल आसानी से कर सकते हैं।
8.रसोत और अनार की छाल बवासीर में:
आपको डेढ़ ग्राम रसौत को तीन ग्राम अनार की छाल दोनों को कूटकर चूर्ण बना लेना है और उसे छः ग्राम गुड़ मे मिलाना है। आपको इस मिश्रण को बेर की गुठली के बराबर गोली बना लेना है। एक गोली सुबह शाम पानी से खाने से बादी बवासीर ठीक हो जाती है।
9.खूनी बवासीर में रामबाण है ये नुस्खा:
नागकेसर,नीम की निबौरी, बीज निकले हुए रसवत मुनक्के इन सभी चीजों को 12 ग्राम की मात्रा में लें। इसके अलावा आपको भीमसैनी कपूर 6 ग्राम लेना है । अब मुनक्कों को छोड़कर सभी को बारीक पीस कर छानकर चूर्ण बना लें। फिर मुनक्के डालकर अच्छे से घोटें और छोटी बेर के बराबर गोली बना कर रख ले। एक गोली सुबह शाम पानी से गटक लें। यह नुस्खा खूनी बवासीर के लिए रामबाण है।
बवासीर या पाइल्स के रोगी को ध्यान रखने योग्य बातें:
इन सभी उपायों के साथ में रोज सुबह सुबह पानी पीना चाहिए।बासी, तले हुए व मसालेदार खाने से दूर रहें। चना, मूंगफली, मूंग दाल आदि का अंकुरित बनाकर सुबह खाएं। चाय, मांसाहार, गुटखा आदि का सेवन न करें।
सीलियम हक एक सप्लीमेंट है जो आपके फाइबर का सेवन बढ़ाने में मदद करता है, और आपके मल को नरम करता है जिससे आपको मल त्यागने में परेशानी न हो। इस बात का ध्यान रखें की फाइबर की मात्रा ज्यादा न लें वरना आपको गैस हो सकती है, और आपके पेट में भी कमी आ सकती है। अगर आप सीलियम हक ले रहें हैं तो जितना हो सके ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं।
ये योगासन भी राहत देते है बवासीर में:
योग के इन आसनों को भी अपनाएं-
बवासीर के सफल उपचार के रूप में योग के तीन आसन बहुत कारगर सिद्ध होते हैं।सुबह बासी मुंह पानी पिएं और उसके बाद यह तीन आसन करें।
ताड़ासन:
एक स्थान पर सीधे खड़े हो जाएं। दोनों हाथों को हवा में ऊपर उठा लें और हथेलियां आपस में जोड़ लें।फिर एड़ियों को उपर उठाएं और पंजे के बल खड़े हों।फिर शरीर को उपर खिंचने का प्रयास करें और जितना हो सके उपर खींचें। कुछ सेकेंड बाद एड़ियां नीचे कर लें। यह प्रक्रिया तीन बार अपनाएं।
तिर्यक ताड़ासनः
ताड़ासन की तरह ही हवा में ऊपर उठे और शरीर को एक बार बाएं खींचे। फिर दोबारा ताड़ासन की पोजिशन में आकर फिर शरीर को दाएं खींचें।
कटिचक्रकासनः
दोनों पैर बराबर रखकर दोनों हाथों को जमीन के समानांतर रख लें। फिर कमर को पहले बाएं फिर दाएं घुमाएं। यह प्रक्रिया पांच-पांच बार करें।
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