शीघ्रपतन(premature ejaculation) की समस्या ,करें ये आसान आयुर्वेदिक उपचार ,
शीघ्रपतन की समस्या क्या है(what is premature ejaculation)
शीघ्रपतन की आयुर्वेदिक औषधियां (ayurvedic medicine for premature ejaculation)
अश्वगंधा शीघ्रपतन की रामबाण औषधि
अश्वगंधा आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण ओषधि के रूप में मानी जाती है।अश्वगंधा को वाजीकरण पदार्थ के रूप में अपनाया जाता है ।यौन समस्याओं में अश्वगंधा का उपयोग कई अन्य औषधियों के साथ किया जाता है। अश्वगंधा चूर्ण का नियमित सेवन शीघ्रपतन सहित आपके कई यौन व्याधियों को बिना किसी साइड इफेक्ट के दूर करने में मददगार साबित हो सकता है।अश्वगंधा पाउडर 5 ग्राम की मात्रा में लें और उसमें उसी बराबर मात्रा में मिश्री मिलाए और गुनगुने दूध के साथ एक बार सुबह और एक बार शाम में इसका सेवन करें और ऐसा लगातर 3 महिनों तक करते रहें ।
बरगद का दूध शीघ्रपतन के लिए
बरगद के दूध की 20 से 30 बूंदे बतासे या चीनी पर डालकर रोज सवेरे खाने से शीघ्रपतन की शिकायत दूर होती है।3 ग्राम बरगद के पेड़ की कोपलें, 3 ग्राम गूलर के पेड़ की छाल और 6 ग्राम मिश्री सिल पर पीसकर लुगदी बना लें, इसे खाकर ऊपर से 250 मिलीलीटर दूध पीयें, इसे 40 दिन तक खाने से लाभ मिलता है।
बरगद के कच्चे फलों को छाया में सुखाकर पीसकर रख लें। 10 ग्राम को खुराक के रूप में सुबह-शाम गाय के दूध के साथ लेने से स्वप्नदोष और शीघ्रपतन मिट जाता है।
सूर्योदय से पहले बरगद के पत्ते तोड़कर टपकने वाले दूध को एक बताशे में 3-4 बूंद टपकाकर खा लें। एक बार में ऐसा प्रयोग 2-3 बताशे खाकर पूरा करें। हर हफ्ते 2-2 बूंद की मात्रा बढ़ाते हुए 5-6 हफ्ते तक प्रयोग जारी रखें।
इसके नियमित सेवन से शीध्रपतन, बलवीर्य वृद्धि के लिए, वीर्य का पतलापन, स्वप्नदोष, प्रमेह आदि रोगों के लिए यह नुस्खा रामबाण है।
शीघ्रपतन के लिए जायफल
जायफल में कामोद्दीपक गुण होते है जो शीघ्रपतन की समस्या के लिए बेहद फायदेमंद घरेलू उपाय है।
यह मसाला कई स्वास्थ्य लाभों से जुड़ा हुआ है जैसे दर्द से राहत, शीघ्रपतन को दूर करना, विषाक्त पदार्थों को निकालना, पूरे शरीर में खून का संचलन आदि। आप जायफल के पाउडर को सॉस, सूप आदि के साथ मिलाकर खा सकते हैं।
1 ½ लीटर पानी, कुछ साफ कद्दू के बीज, 2 छोटे कटे हुए आलू और 5 लहसुन की फांके और एक जायफल लें। पानी को उबाल लें।सभी सामग्री को उबलते पानी में डाल दें।10 मिनट के लिए उबलते रहने दें। फिर ढक्कन को बंद कर दें। कुछ देर बाद देख लें कि आलू और लहसुन गल गया है या नहीं।अच्छे से बनने के बाद सूप को पी लें।
जायफल में कई प्रभावी खनिज पाए जाते हैं। अन्य महत्वपूर्ण घटक जैसे मिरिस्टीसिन (myristicin) और मेकलिगनन (macelignan) इसमें मौजूद होते हैं। यह सभी कारक शीघ्रपतन की समस्या का इलाज करते हैं।
बबूल की कच्ची फलियां शीघ्रपतन का इलाज
आम के कच्चे फल (जो चने के आकार के बराबर हों) और कच्चे गूलर (जो सख्त व बहुत छोटे हों) तथा बबूल की कच्ची फलियां (जिनमें बीज न पड़ें हों) इन तीनों औषधियों को समान मात्रा में लेकर छाया में सुखा लें। इन सभी को कूट पीसकर कपड़ छन चूर्ण बनाकर सुरक्षित रख लें। इस चूर्ण को 3 ग्राम की मात्रा में 12 ग्राम शहद में मिलाकर प्रतिदिन सुबह के समय निरन्तर 21 दिन सेवन करने से शीघ्र पतन का रोग दूर हो जाता है।
कोंच के बीज भी लाभदायक है शीघ्र स्खलन के लिए
कौंच के बीज और तालमखाना समान मात्रा में लेकर कूटपीस कर चूर्ण बनाकर सुरक्षित रख लें। इस चूर्ण को 3 माशा की मात्रा में निरन्तर 1 माह तक दूध के साथ सेवन करने से शीघ्रपतन का रोग दूर हो जाता है।
ये सभी नुस्खे शीघ्रपतन के लिए रामबाण है किसी भी एक नुस्खे का नियमित सेवन आपके लिए लाभकारी साबित हो सकता है और साथ ही इनके साइड इफेक्ट भी नहीं है
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