संदेश

Nahane ke niyam। बिना सोचे समझे नहाना, पड़ सकता है भारी

चित्र
Nahane ke niyam। बिना सोचे समझे नहाना, पड़ सकता है भारी Nahane ke niyam हिंदू धर्म में किसी भी कार्य को करने के लिए तन और मन से पवित्र होना जरूरी माना गया है और इसके लिए प्रतिदिन नहाने का नियम बनाया गया है लेकिन क्या आप जानते हैं कि नहाने के भी कुछ नियम कायदे होते है। कब नहाना और कब नहीं ? क्या निर्वस्त्र होकर स्नान करना सनातन संस्कृति के अनुसार शुभ है या अशुभ? किन कार्यों को करते ही तुरंत स्नान नहीं करना चाहिए?  इन सभी सवालों के जवाब और इनके पीछे के विज्ञान  को विस्तार से समझने का प्रयास करते हैं।  अगर हम इन नियमों की अनदेखी तो हमारी सेहत पर इसका बुरा असर पड़ता है। हम सर्दी- खांसी या सिर दर्द का शिकार हो सकते हैं। यदि नियमित रूप से ऐसा किया तो पैरालिसिस के मरीज भी बन सकते हैं।  आयुर्वेद के अनुसार नहाने के नियम आयुर्वेद में स्नान के बारे में स्पष्ट दिशानिर्देश दिये गए है जिनका पालन हमें करना चाहिए।  नहाने के नियम में पहला नियम है, शुरुआत अपने हाथ और पैरों को धोने से करें। अगर आप ठंडे पानी से नहा रहे हैं तो आपको शुरुआत सिर से पांव से करनी चाहिए। और अगर आप गर्म पानी से नहा

Eye Flu Treatment in hindi - आई फ्लू का इलाज

चित्र
आई फ्लू क्या है (eye flu kya hai)  Eye flu treatment in hindi आई फ्लू (eye flu) जिसे हम आँख आने के नाम से जानते है एक आम संक्रमण है,जिसका सामना हम सभी ने कभी न कभी किया होगा।  इस संक्रमण में आंखों में जलन होती है।ऑय फ्लू (eye flu treatment) का इलाज कैसे करना चाहिए,ये कम ही लोग जानते और समझते हैं। आँखों के संक्रमण के कई कारण हो सकते हैं, पर इसका मुख्य कारण हैं,छोटे जीवाणु और वायरस से हुआ संक्रमण।  आमतौर पर यह एक एलर्जिक रिएक्शन की वजह से होता है। लेकिन कई मामलों में बैक्टीरिया का संक्रमण भी इसके लिए जिम्मेदार होता है। कभी कभी ऐसे संक्रमण आँखों में कुछ चले जाने की वजह से होते हैं जैसे धुल या गन्दगी।  जो लोग खराब लेंस पहनते हैं उनके भी इस संक्रमण के शिकार होने की संभावना काफी ज़्यादा रहती है। इस संक्रमण की शुरुआत एक आंख से ही होती है, लेकिन जल्द ही दूसरी आंख भी इसकी चपेट में आ जाती है। आँखों का संक्रमण या ऑय फ्लू साधारणतः मौसम में परिवर्तन के साथ देखा जाता है। यह ठंड मौसम या बरसात के मौसम में ज्यादातर होता है | यह एक संक्रामक बीमारी है, जो किसी भी व्यक्ति को हो सकता है। एक बार यह किसी को

Natural ways for black hair without dye । सफेद बाल काले करने का नेचुरल तरीका

चित्र
नैचरल तरीके से बाल काले कैसे करें?(how to make hair black with natural ways) उम्र बढ़ने के साथ बालों का सफ़ेद होना तो आम बात है, लेकिन प्रश्न यह है कि सफेद होते बालों को काला कैसे किया जाये।क्या बालों को नैचुरल तरीके से बिना डाय के काला किया जा सकता है। आजकल की जीवनशैली में कम उम्र में ही लोगों के बाल सफ़ेद होने लगे है। बालों के स्वास्थ्य के लिए केरोटिन मुख्य प्रोटीन है,जो बालों का निर्माण करता है, उन्हें स्वस्थ बनाता है। जब केराटिन में मेलेनिन की कमी हो जाती है तो बाल सफेद होने लगते हैं। बालों पर उपयोग किये जाने वाले केमिकल्स ने बालों के स्वास्थ्य को बिगाड़ दिया है तो आप अपने बालों को नेचुरल तरीके से काला कैसे कर सकते है, आइये जानते हैं । Natural ways for black hair without dye 1.  बालों  को काला करने के लिए अंडा लगाएं बालों को नैचुरल तरीके से काला करने के लिए अंडा बहुत फायदेमंद होता है।अंडा  प्रोटीन से भरपूर होता है यह बालों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। आप अंडे का हेयर मास्क बनाकर बालों में प्रयोग कर सकते हैं। इसके लिए बस आपको सरसों, नारियल या जैतून के तेल में अंडे का सफेद भाग डालक

Pet dard ke Karan। पेट दर्द हो सकता है, गंभीर बीमारी का संकेत

चित्र
पेट दर्द क्यों होता है? (Pet dard kyon hota hai)   पेट दर्द एक आम समस्या है, पेट दर्द का कारण अनियमित जीवनशैली,खराब खान-पान,लंबी सिटिंग, शारीरिक निष्क्रियता आदि हो सकते हैं।लेकिन जब पेट दर्द(pet dard) लंबे समय तक बना रहे तो यह कई प्रकार की बीमारियों का संकेत हो सकता है। Pet dard ke karan पेट दर्द के साथ ही यदि बुखार,उल्टी,अचानक वजन का कम होना जैसी समस्याएं भी हो तो यह  अपेंडिसाइटिस,अल्सर,पथरी और आईबीएस की समस्या भी हो सकती है।दरअसल पेट के पास होने वाला दर्द पास के किसी अंग का दर्द भी हो सकता है। पेट में होने वाले दर्द और उसके स्थान को यदि गौर से निरीक्षण किया जाए तो बीमारी को समझा जा सकता है।पेट में अलग-अलग स्थानों पर और अलग-अलग प्रकार से होने वाला दर्द बीमारी के बारे में स्पष्ट संकेत देता है।आप भी इन संकेतों को जानकर बीमारी को पहचान सकते हैं।  नाभि के ऊपर पेट दर्द के कारण (pet dard ke karan )   पेट में नाभि के ऊपर की तरफ हल्की जलन के साथ पेट दर्द पेप्टिक अल्सर के प्रमुख पहचान है।पेट में सूजन,डकार,भूख का घटना, वजन का कम होना इसके प्रमुख लक्षण हैं। पेप्टिक अल्सर पेट की परत या छोटी आ

24 घंटे में खुजली का जड़ से इलाज,खुजली के घरेलू उपाय

चित्र
खुजली के घरेलू उपाय (khujli ki dawa)  खुजली क्या है? (What is itching)  त्वचा के किसी भी हिस्से में त्वचा को खुरचने की अनुभूति होना ही खुजली(khujli) है। खुजली(itching)में एक शरीर में एक तरह का सेनसेशन होता है जो कि त्वचा को नोंचने (Scratch) या खुजलाने पर मजबूर कर देता है। 24 घंटे में खुजली से छुटकारा पाने के घरेलू उपाय   खुजली के प्रकार (Type of Itching)  • बिना दानों वाली खुजली  • दाने वाली खुजली  • बिना दाने या दाने वाली खुजली के कारण खुजली के अन्य लक्षण उत्पन्न होते हैं। खुजली पूरी त्वचा, सिर, मुंह, पांव, अंगुलियों, नाक, हाथ या प्रजनन अंग आदि अंगों में हो जाती है। खुजली अधिकतर इन्हीं स्थानों पर होती है।  • बिना दानों वाली या दानों वाली खुजली खुश्क या तर होती है।  खुजली क्यों होती है? (Reasons of itching)  कई बार खुजली (Khujli) सामान्य हो सकती है लेकिन कई बार यह त्वचा संबंधी किसी बीमारी या अंदरूनी किसी बड़ी बीमारी का संकेत भी हो सकती है। इचिंग या खुजली को स्वास्थ्य की भाषा में प्रूराइटस भी कहते हैं।  कई बार व्यक्ति बिना खुजली भी खुजलाता है, ऐसा व्यक्ति के तनाव में होने या अकेलापन महसू

नवजात की देखभाल के पांच महत्वपूर्ण उपाय

चित्र
 नवजात  शिशु की देखभाल के लिए पांच महत्वपूर्ण टिप्स Kids care:नवजात शिशु की किलकारी परिवार में खुशियों का माहौल भर देती है। किंतु जहां बात आती है नवजात शिशु की देखभाल की तो यह थोड़ा मुश्किल सा लगता है। क्योंकि नवजात शिशु अपने समस्याओं को बता नहीं सकता और माता-पिता को भी उसकी समस्या जानने में परेशानी होती है। किंतु यदि पांच महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखा जाए,तो आपके और शिशु के लिए बहुत ही सुखद होगा। नवजात शिशु पूर्णता स्वस्थ रहेगा। इसकी देखभाल में आपको किंचित भी परेशानी नहीं आएगी। नवजात की देखभाल के पांच महत्वपूर्ण उपाय संस्थागत प्रसव सुरक्षित होता है संस्थागत प्रसव से तात्पर्य है किसी स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव कराना । स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव कराने से माता के साथ-साथ शिशु की भी सुरक्षा होती है। क्योंकि प्रारंभिक देखभाल उचित तरीके से होती है और जटिलता के समय तुरंत इलाज भी मिल जाता है। माता शिशु की देखभाल की जानकारी भी डॉक्टर से ले सकती हैं। नियमित स्तनपान और पूरक आहार का रखें ध्यान शिशु के लिए मां का दूध अमृत समान होता है। जन्म के बाद जितनी जल्दी हो सके शिशु को स्तनपान शुरू करा देना च

गोल गोल लड्डू रेसिपी,सर्दियों में सेहत बनाएं

चित्र
सर्दियों में खाएं ये लड्डू,सेहत बनी रहेगी पूरे साल गोल गोल लड्डू रेसिपी,सर्दियों में सेहत बनाएं  सर्दियों का मौसम स्वास्थ को बनाए रखने के लिए अहम होता है।सर्दियों में हमारी पाचन शक्ति मजबूत होती है।इसलिए सर्दियों में पोष्टिक आहार का सेवन वर्ष भर आपको सेहतमंद रखता है।प्राचीन समय से ही सर्दियों के मौसम में विभिन्न प्रकार के गोल गोल लड्डू घरों में बनाए जाने की परंपरा हमे विरासत में मिली है। यहां हम आपको कुछ ऐसी ही लड्डू रेसिपी के बारे में बता रहे है,जो आपकी सेहत का खयाल तो रखती ही है,ये लड्डू रेसिपी आपको कुछ विशेष स्वास्थ्य समस्याओं में भी राहत प्रदान करती है।तो आइए जानते है गोल गोल लड्डू रेसिपी बनाने के बारे में  महिलाओं के लिए विशेष सुपारी पाक के लड्डू आवश्यक सामग्री: 100 ग्राम चिकनी वजनदार चोल सुपारी,100 ग्राम कमरकस,400 ग्राम पिसी हुई मिश्री,50 ग्राम शुद्ध देसी घी और शहद। लड्डू बनाने की विधि: चोल सुपारी,मिश्री और कमरकस को बारीक पीसकर छान ले।अब इस सामग्री को देसी घी में गैस पर अच्छी प्रकार से भून लें।फिर गैस बंद कर इसको ठंडा होने के लिए रख दें।इसके बाद इसमें थोड़ा थोड़ा शहद मिलाते

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

शीघ्रपतन(premature ejaculation) की समस्या ,करें ये आसान आयुर्वेदिक उपचार ,

अश्वगंधा एक वरदान,अनेक है इसके फायदे

constipation and aayurveda : आयुर्वेदिक नुस्खों से करें पुरानी कब्ज को जड़ से खत्म