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योग की शुरुआत कर रहे हैं तो,इनका रखें ध्यान

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 योग करते समय ध्यान देने योग्य बातें दुख- सुख,लाभ-हानि, शत्रु-मित्र, शीत-ऊष्ण आदि दोनों में सर्वत्र समभाव रखना योग है।यह श्रीमद्भागवत गीता में कहा गया है। इससे शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाकर स्वस्थ जीवन जिया जा सकता है। योग को लेकर अब तक यह भ्रांति रही है,कि यह बुजुर्गों या धार्मिक प्रवृत्ति के लोगों के लिए है।लेकिन पिछले एक दशक में लोगों को योग का महत्व समझ में आया है।अब हर कोई इसे अपना रहा है। यदि आप भी पहली बार योग शुरू करने जा रहे हैं तो इन बातों का विशेष ख्याल रखें। योग की शुरुआत कर रहे हैं तो,इनका रखें ध्यान योग करते समय बोरियत से बचने के लिए इन बातों का ख्याल रखें: 1. शुरुआत सूर्य नमस्कार से करें।अधिकतर लोग इसे जानते हैं। 2. हर दिन एक जैसे आसन करने से बोरियत महसूस होती है अतः वेरिएशन ट्राई करें। 3. जब भी आप योग   करें तो लाइट म्यूजिक लगा ले। मन शांत रहेगा। 4. अकेले योग न करें। किसी ग्रुप के साथ करेंगे तो बोरियत महसूस नहीं होगी। निरंतरता भी बनी रहेगी। 5. प्रारंभ में हल्के आसन या सुक्ष्म व्यायाम से योग की शुरुआत करें,इसके लिए सूर्य नमस्कार उत्तम है। 6. गर्मी में चंद्...

पांच योगासन जो वरिष्ठ नागरिकों को रखते है स्वस्थ

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योगासन , वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, उससे शरीर की ताकत और क्षमता क्षीण होने लगती है। जोड़ हो या फिर आंतरिक अंग। इनकी शक्ति को बनाए रखने में योग एक अच्छा माध्यम बन सकता है। हल्के तरीके से यदि  व्यायाम किए जाएं तो इसका फायदा पूरे शरीर को मिलता है।   लोगों में यह भ्रम है कि वरिष्ठ नागरिकों को  व्यायाम से बचना चाहिए क्योंकि इससे शरीर को क्षति होने की आशंका है, किंतु वास्तविकता यह है कि हर उम्र के व्यक्तियों के लिए सरल से लेकर कठिन तक व्यायाम या आसन होते हैं। यहां हम पांच ऐसे आसनों के बारे में बता रहे हैं जो करने में सरल है और वरिष्ठ नागरिकों को स्वस्थ रखने में अत्यंत सहायक है - अर्ध मत्स्येंद्रासन पांच योगासन जो वरिष्ठ नागरिकों को रखते है स्वस्थ अर्धमत्स्येंद्रासन करने का तरीका अर्धमत्स्येंद्रासन करने का तरीका यह है कि सबसे पहले जमीन पर पांव को फैला कर बैठ जाएं, अब हथेलियों को जमीन पर टिका दें। हथेलियों पर जोर देते हुए श्वास भरकर रीड की हड्डी को बिल्कुल सीधा करें। बाएं पैर को मोड़ कर दाएं घुटने के ऊपर से ले जाकर विपरीत दिशा...

ऐसे करे उज्जायी प्राणायाम तो अनेक रोगों में होगा लाभ

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 उज्जयी प्रानायाम विधि और fayde उज्जायी प्राणायाम परिचय Ujjayi pranayam,vidhi or fayde उज्जायी’ शब्द का अर्थ होता है- विजयी या जीतने वाला। इस प्राणायाम के अभ्यास से वायु को जीता जाता है। अर्थात उज्जयी प्राणायाम से हम अपनी सांसो पर विजय पा सकते हैं और इसलिए इस प्राणायाम को अंग्रेजी में विक्टोरियस ब्रेथ कहा जाता हैं। जब इस प्राणायाम को किया जाता है तो शरीर में गर्म वायु प्रवेश करती है और दूषित वायु निकलती है. उज्जायी प्राणायाम को करते समय समुद्र के समान ध्वनि आती है इसलिए इसे ओसियन ब्रीथ के नाम से भी जाना जाता है. इस  प्राणायाम  का अभ्यास सर्दी को दूर करने के लिए किया जाता है।इसका अभ्यास तीन प्रकार से किया जा सकता है- खड़े होकर, लेटकर तथा बैठकर। उज्जयी प्राणायाम करने की विधि -इस प्राणायाम को तीन प्रकार से किया जा सकता है - खड़े होकर करने की विधि 1- सबसे पहले सावधान कि अवस्था में खड़े हो जाएँ। ध्यान रहे की एड़ी मिली हो और दोनों पंजे फैले हुए हों। 2- अब अपनी जीभ को नाली की तरह बनाकर होटों के बीच से हल्का सा बाहर निकालें । 3- अब ...

अनुलोम विलोम प्राणायाम करें इस तरह वरना फायदे की जगह हो सकता है नुकसान

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अनुलोम विलोम प्राणायाम एक परिचय Anulom vilom pranayam ke fayde or nuksan अनुलोम का अर्थ होता है सीधा और विलोम का अर्थ है उल्टा। यहां पर सीधा का अर्थ है नासिका या नाक का दाहिना छिद्र और उल्टा का अर्थ है-नाक का बायां छिद्र। अर्थात अनुलोम-विलोम प्राणायाम में नाक के दाएं छिद्र से सांस खींचते हैं, तो नाक के बाएं छिद्र से सांस बाहर निकालते है। इसी तरह यदि नाक के बाएं छिद्र से सांस खींचते है, तो नाक के दाहिने छिद्र से सांस को बाहर निकालते है। अनुलोम-विलोम प्राणायाम को  'नाड़ी शोधक प्राणायाम' भी कहते है। इसके नियमित अभ्यास से शरीर की समस्त नाड़ियों का शोधन होता है यानी वे स्वच्छ व निरोग बनी रहती है। इस प्राणायाम के अभ्यासी को वृद्धावस्था में भी गठिया, जोड़ों का दर्द व सूजन आदि शिकायतें नहीं होतीं। अनुलोम विलोम प्राणायाम का सही तरीका 1.सुखासन, सिद्धासन, पद्मासन, वज्रासन में बैठें।  2.शुरुआत और अन्त  हमेशा नाक के बाएं छिद्र से ही करनी है। 3.नाक का दायां छिद्र बंद करें व बाये से लंबी सांस लें, फिर बाएं को बंद करके, दायां वाले से लंबी सांस छोडें। 4.अब दायां से लंबी सांस लें व बायें ...

प्राणायाम और स्वास्थ्य।pranayam and health

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नियमित प्राणायाम आपको बनाएगा तन और मन से मजबूत प्राणायाम और स्वास्थ्य प्राणायाम एक परिचय   प्राणायाम योग के आठ अंगों में से एक है। अष्टांग योग में आठ प्रक्रियाएँ होती हैं- यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा ध्यान, तथा समाधि। प्राणायाम = प्राण + आयाम । इसका शाब्दिक अर्थ है - 'प्राणअर्थात श्वसन या जीवनिशक्ति को लम्बा करना। प्राणायाम का अर्थ 'स्वास को नियंत्रित करना' या कम करना नहीं है। प्राण या श्वास का आयाम या विस्तार ही प्राणायाम कहलाता है। यह प्राण -शक्ति का प्रवाह कर व्यक्ति को जीवन शक्ति प्रदान करता है। प्राणायाम प्राण अर्थात् साँस आयाम याने दो साँसो मे दूरी बढ़ाना, श्‍वास और नि:श्‍वास की गति को नियंत्रण कर रोकने व निकालने की क्रिया को कहा जाता है। श्वास को धीमी गति से गहरी खींचकर रोकना व बाहर निकालना प्राणायाम के क्रम में आता है। श्वास खींचने के साथ भावना करें कि प्राण शक्ति, श्रेष्ठता श्वास के द्वारा अंदर खींची जा रही है, छोड़ते समय यह भावना करें कि हमारे दुर्गुण, दुष्प्रवृत्तियाँ, बुरे विचार प्रश्वास के साथ बाहर निकल रहे हैं। हम साँस लेते है तो सिर्फ़ हवा...

What is yoga। योग क्या है?

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 योग (yoga) What is yoga। योग क्या है? 21 जून 2015 को प्रथम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। इस अवसर पर 192 देशों और 47 मुस्लिम देशों में योग दिवस का आयोजन किया गया। दिल्ली में एक साथ 35985 लोगों ने योगाभ्यास किया।इसमें 84 देशों के प्रतिनिधि मौजूद थे। इस अवसर पर भारत ने दो विश्व रिकॉर्ड बनाकर 'गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स' में अपना नाम दर्ज करा लिया है। पहला रिकॉर्ड एक जगह पर सबसे अधिक लोगों के एक साथ योग करने का बना, तो दूसरा एक साथ सबसे अधिक देशों के लोगों के योग करने का।  योग का उद्देश्य योग के अभ्यास के कई लाभों के बारे में दुनिया भर में जागरूकता बढ़ाना है।लोगों के स्वास्थ्य पर योग के महत्व और प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 21 जून को योग का अभ्यास किया जाता है। शब्द ‘योग‘ संस्कृत से लिया गया है जिसका अर्थ है जुड़ना या एकजुट होना। योग का महत्व वर्तमान समय में अपनी व्यस्त जीवन शैली के कारण लोग संतोष पाने के लिए योग करते हैं। योग से न केवल व्यक्ति का तनाव दूर होता है बल्कि मन और मस्तिष्क को भी शांति मिलती है योग बहुत ही लाभकारी है। योग न केवल हमार...