एक मुट्ठी ड्राई फ्रूट्स नियमित खाने से मिलता है, पर्किंसंस में आराम
अधिक उम्र का रोग है पार्किंसंस (old age disease Parkinson's)
वैसे तो पार्किंसन बीमारी बुजुर्गों में अधिक होती है, लेकिन जेनेटिक व कई कारणों से यह कम उम्र में भी हो सकती है। महिलाओं की तुलना में पुरुषों में इसके 50 फीसदी मामले ज्यादा आते हैं।
पार्किंसंस के शुरुआती लक्षण(early signs of Parkinson's)
ब्रेन में मौजूद डोपामाइन (हैप्पीनेस के लिए जिम्मेदार) हार्मोन में कमी के कारण शरीर की ज्यादातर एक्टिविटीज धीमी पड़ने लगती है।
शारीरिक व मानसिक गतिविधियों में धीमापन आने लगता है। शुरुआत शरीर के एक हिस्से से होती है और इसके अगले छह सात माह में यह दूसरे हिस्से में भी होने लगती है।
पार्किंसंस की पहचान के लक्षण(identifying symptoms of Parkinson's)
पार्किंसन रोग की पहचान के लक्षणों में हाथ, पैर, बांह, जबड़े व सिर में कंपन, अंगों में कठोरता,संतुलन बिगड़ना, कब्ज,चबाने,निगलने,बोलने,चलने,फिरने व सोने में कठिनाई,गंध स्वाद न आना, डिप्रेशन,चेहरे के हाव-भाव गायब होना, नींद,यूरीन व त्वचा संबंधी समस्याएं आदि पार्किंसन के लक्षण है ।
बच्चों में उनके खड़े होने या चलने पर इसकी पहचान की जाती है। झाड़-फूंक के चक्कर में आकर मरीज की जान खतरे में ना डालें डॉक्टर से इलाज लें।
पर्किंसंस में खाने योग्य आहार (eatable food in Parkinson's)
पार्किंसंस रोग से ग्रसित मरीज को ओमेगा 3 फैटी एसिड, हाई फाइबर और विटामिन b12 युक्त आहार ,चाय कॉफी ,ड्राई फ्रूट्स ताजा फल, सब्जियां आदि को अपने आहार में शामिल करना चाहिए। हर दिन एक मुट्ठी बादाम, अखरोट ,पिस्ता व चिलगोजा खाने से कोशिकाएं रिपेयर होती है। रोजाना ढाई से 3 लीटर तरल पदार्थ लें जिसमें दूध, छाछ,फलों का रस, नींबू पानी और सादा पानी शामिल हो।
पार्किंसन में परहेज (non eatable food in Parkinson's)
दवाइयों के साथ मूंगफली ,सोयाबीन ऑट्स,बी कांपलेक्स व हाई प्रोटींस डाइट न ले। मीठा, ट्रांसफेट ,प्रोसेस व पैकेजड फूड, अल्कोहल आदि से परहेज करें।
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