24 घंटे में खुजली का जड़ से इलाज,खुजली के घरेलू उपाय
खुजली के घरेलू उपाय (khujli ki dawa)
खुजली क्या है? (What is itching)
त्वचा के किसी भी हिस्से में त्वचा को खुरचने की अनुभूति होना ही खुजली(khujli) है। खुजली(itching)में एक शरीर में एक तरह का सेनसेशन होता है जो कि त्वचा को नोंचने (Scratch) या खुजलाने पर मजबूर कर देता है।
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24 घंटे में खुजली से छुटकारा पाने के घरेलू उपाय |
खुजली के प्रकार (Type of Itching)
• बिना दानों वाली खुजली
• दाने वाली खुजली
• बिना दाने या दाने वाली खुजली के कारण खुजली के अन्य लक्षण उत्पन्न होते हैं। खुजली पूरी त्वचा, सिर, मुंह, पांव, अंगुलियों, नाक, हाथ या प्रजनन अंग आदि अंगों में हो जाती है। खुजली अधिकतर इन्हीं स्थानों पर होती है।
• बिना दानों वाली या दानों वाली खुजली खुश्क या तर होती है।
खुजली क्यों होती है? (Reasons of itching)
कई बार खुजली (Khujli) सामान्य हो सकती है लेकिन कई बार यह त्वचा संबंधी किसी बीमारी या अंदरूनी किसी बड़ी बीमारी का संकेत भी हो सकती है। इचिंग या खुजली को स्वास्थ्य की भाषा में प्रूराइटस भी कहते हैं।
कई बार व्यक्ति बिना खुजली भी खुजलाता है, ऐसा व्यक्ति के तनाव में होने या अकेलापन महसूस करने के कारण होता है।
यदि खुजली बंद करने के लिए कोई घरेलू दवा(gharelu dawa) काम ना आ रही हो या खुजली इतनी बढ़ गई हो गई हो कि व्यक्ति ठीक से सो भी ना पा रहा हो तो इस संबंध में तुरंत चिकित्सक से मिलना चाहिए, क्योंकि इस तरह की खुजली त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती है।
यूं तो खुजली लंबे समय तक रहने वाली बीमारी नहीं और अपने आप ठीक हो जाती है। लबे समय तक रहने वाली खुजली किसी अंदरूनी बीमारी से संबंधित होती है जो कि समय के साथ बढ़ भी सकती है। ऐसे में चिकित्सक से संपर्क कर खुजली का इलाज (khujli ka ilaj) करवाना चाहिए।
• गर्मियों में पसीना आता रहता है। बाहर से घर लौटने पर सारा शरीर पसीने से भीगा होता है, लेकिन पंखे व कूलर की ठंडी हवा से कुछ देर में पसीना सूख जाता है। शरीर पर पसीना सूख जाने से खुजली होने लगती है।
• कई-कई दिन तक स्नान नहीं करने, त्वचा पर धूल-मिट्टी जमने से खुजली(khujli)की उत्पत्ति होती है। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार खुजली कोई स्वतंत्र रोग नहीं। दूसरे रोगों के कारण त्वचा शुष्क हो जाने से खुजली(itching) होती है।
• रक्त दूषित होने पर फोड़े-फुंसियां निकलती हैं तो खुजली होती है।
• उदर में कृमियों के विषक्रमण से खुजली होती है।
• मूत्र त्याग के बाद स्वच्छ जल से योनि को साफ नहीं किया जाए तो जीवाणुओं के संक्रमण से खुजली होती है।
• कुछ स्त्री-पुरुष के सिर के बालों में जुए उत्पन्न होती हैं तो तीव्र खुजली होती है।
• एक्जिमा व दाद में भी बहुत खुजली होती है।
• मधुमेह रोग मे जननांगों के आस-पास तीव्र खुजली होती है।
• शीत ऋतु में शीतल वायु के प्रकोप से जब त्वचा शुष्क होकर फटने लगती है तो बहुत खुजली होती है।
• ग्रीष्म ऋतु में धूप में चलने-फिरने से घमोरियां निकलने पर खुजली होती है। एलर्जी के कारण भी तीव्र खुजली होती है।
खुजली से छुटकारा पाने के घरेलू उपाय(khujli ki dawa)
• नारियल का तेल (Coconut oil)
त्वचा के शुष्क होने या किसी कीड़े के काटने से, खुजली किसी भी कारण से हो, नारियल का तेल बेहद फायदेमंद होता है। नारियल के तेल को खुजली वाले स्थान पर लगाकर हल्के हाथ से मालिश करें। इतना ही नहीं नारियल तेल को पूरे शरीर पर भी लगाया जा सकता है।
• पेट्रोलियम जैली (Petroleum jelly)
यदि त्वचा बेहद संवेदनशील (sensitive skin) है तो खुजली से निजात के लिए पेट्रोलियम जैली बेहद अच्छा उपाय है। इसमें कोई भी रसायन नहीं होता और त्वचा पर बेहद प्रभावी भी होती है। इसके इस्तेमाल से न केवल खुजली बल्कि त्वचा की अन्य समस्याएं भी हल हो जाती हैं।
• नींबू (Lemon)से खुजली का इलाज
नींबू में विटामिन सी (vitamin c) उच्च मात्रा में पाया जाता है। खुजली से निजात के लिए नींबू बेहद अच्छे उपायों में से एक है। नींबू में मौजूद वोलाटाइल (volatile) त्वचा की सूजन और जलन को दूर करते हैं। प्रभावित त्वचा पर नींबू के रस को रूई की सहायता से लगाया जा सकता है।
• तुलसी (Basil)
तुलसी में थायमॉल, यूजीनॉल और कैंफर उच्च मात्रा में होते हैं जो खुजली और जलन से राहत देते हैं। तुलसी की कुछ पत्तियों को अच्छी प्रकार धोकर, प्रभावित स्थान पर रगड़ने से खुजली और जलन से राहत मिलती है।
• सेब का सिरका (Apple cider vinegar)
सेब के सिरके का इस्तेमाल रूसी से निजात पाने के लिए किया जाता है, उसी प्रकार खुजली में भी यह लाभदायक है। सेब के सिरका में एंटीसेप्टिक और एंटीफंगल गुण होते हैं जो कि त्वचा संबंधी समस्याओं से निजात दिलाते हैं। सेब के सिरका में रूई को भिगाकर प्रभावित स्थान पर लगाने से खुजली की समस्या से राहत मिलती है।
• एलोवेरा (Aloevera)
एलोवरा मॉइश्चराइजर से भरपूर होता है जिससे रूखी त्वचा से होने वाली खुजली में यह असरकारी है। एलोवेरा जेल प्रभावित त्वचा पर लगाने से खुजली, जलन और सूजन दूर होती है। त्वचा पर एलोवेरा लगाने के लिए इसकी एक पत्ती को चाकू से बीच से चीर कर उसके अंदर से जैली को बाहर निकालें और शरीर पर हल्के हाथों से मसाज करें।
• नीम (Neem)
नीम की पत्तियों को पानी में डालकर उबालें। इसके बाद इस पानी को गुनगुना रहने पर नहायें। नीम में प्राकृतिक तौर पर एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जो खुजली को दूर करते हैं। इसके अलावा यदि रक्त में किसी प्रकार की अशुद्धि के कारण खुजली होती है तो सुबह सुबह नीम के छोटे या कच्चे पत्ते चबायें। निबौरी चबाने से भी रक्त साफ होकर खुजली दूर होती है।
खुजली से बचाव :
• खुजली से निजात के लिए अधिक फल-सब्जियों का सेवन करें।
• सर्दियों में अधिक शीतल वायु के संपर्क से खुजली होने पर प्रतिदिन स्नान से पहले सरसों व तिल के तेल से मालिश करें।
• चमेली के तेल में नीबू का रस मिलाकर मालिश करने के बाद नहाएं।
• नीम के पेड़ पर पकी निबौली खाने से खुजली की समस्या नष्ट होती है।
• टमाटर का रस सुबह और शाम को पीने से खुजली खत्म होती है।
• रक्त दूषित होने पर खुजली की विकृति होने पर नीम के कोमल गुलाबी पत्ते 6 ग्राम, काली मिर्च के 10 दाने पीसकर जल के साथ सेवन करें।
• नीम के पत्तों को पानी में उबालकर, छानकर नहाने से खुजली खत्म होती है।
• नारियल के तेल में कर्पूर मिलाकर मालिश करने से खुजली खत्म करती हैं।
• कच्चे हरे चनों का प्रतिदिन सेवन करें। चने उपलब्ध ना होने पर अंकुरित चनों का सेवन करें।
• लहसुन को तेल में पकाकर, उस तेल को छानकर मालिश करने से खुजली नष्ट होती है।
खुजली में क्या ना खाएं? (Precautions during Itching)
• उष्ण मिर्च-मसालों व अम्लीय रसों से बने खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
• चाय, कॉफी, शराब, सिरका व अचार का सेवन न करें।
• मांस, मछली, अंडे न खाएं।
• चाइनीज और फास्ट फूड का सेवन न करें।
• दूषित जल व बाजार में खुली रखी चीजें न खाएं।
• घी, तेल व मक्खन से बने खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
• दूषित जल से न नहाएं।
• पसीने से दूषित कपड़े न पहनें।
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