हर्निया क्या होता है, प्रकार,व लक्षण

जाने हर्निया के बारे में

हर्निया क्या होता है(harnia kya hota hai)

Types of harnia:यदि समय रहते नही करवाया हर्निया का ऑपरेशन तो भुगतने पड़ सकते है,ये परिणाम
हर्निया क्या होता है, प्रकार,व लक्षण

जब एक मासपेशी या ऊतक में छेद से अंदर का अंग उभरकर बाहर आने लगता है तो उसे हर्निया कहते हैं, जैसे आंत, पेट की अंदरूनी परत में किसी कमजोर जगह में छेद करके बाहर की तरफ उभरने लगे।
हार्निया आमतौर पर पेट में होता है लेकिन यह जांघ के ऊपरी हिस्से, नाभी और कमर के आस-पास भी हो सकता है। अधिकांश हर्निया घातक नहीं होते हैं,। कुछ परिस्थितियों में हर्निया(harnia) से होने वाले नुकसान से बचने के लिए सर्जरी करनी पड़ती है।
हर्निया में मौजूद रक्तवाहिकाओं पर दबाव पड़ने के कारण हर्निया में खून की सप्लाई रुक सकती है। अगर पेट की अंदरूनी परत में हर्निया से खून की सप्लाई रुक जाती है, तो यह एक आपातकालीन स्थिति होती है क्योंकि ऊतक को खून के माध्यम से मिलने वाली ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है,और इस आपातकालीन स्थिति में सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।

हर्निया के लक्षण (Hernia Symptoms)

कई मामले में हर्निया के कोई लक्षण दिखाई नहीं देते।किंतु जिन मामलों में लक्षण दिखाई देते है वे हर्निया के प्रकार और प्रभावित अंग पर निर्भर होते है।
हर्निया का सबसे आम लक्षण प्रभावित क्षेत्र में एक उभार या गांठ है। जैसे इनगुइनल हर्निया के मामले में आपको अपनी जघन हड्डी की एक तरफ एक गांठ दिख सकती है जहां आपका ग्रोइन (जननांग क्षेत्र) और जांघ मिलते हैं।
लेटे होने पर आपको लग सकता है कि गांठ गायब हो गयी है। जब आप खड़े होते हैं, झुकते हैं, या खांसते हैं, तो स्पर्श करने पर हर्निया महसूस होने की अधिक संभावना होती है। गांठ के आसपास के क्षेत्र में दर्द भी हो सकता है।
कुछ प्रकार के हर्निया, जैसे कि हाइटल हर्निया, के अधिक विशिष्ट लक्षण हो सकते हैं। इनमें साइन में जलन, निगलने में परेशानी और सीने में दर्द शामिल हैं।

हर्निया के कारण( Hernia Causes )

हर्निया जन्मजात भी हो सकता है या समय के साथ पेट की कमज़ोर दीवार या परत के हिस्से में विकसित हो सकता है। पेट की गुहा मे अधिक दबाव पड़ने से पेट के कमज़ोर हिस्से पर तनाव  होने के कारण हर्निया हो सकता है।
हर्निया मांसपेशियों की कमज़ोरी व तवान दोनो के कारण होता है। हर्निया कम समय में विकसित हो सकता है और कईं बार विकसित होने में लंबा समय भी ले लेता है ये कारण पर निर्भर करता है।
मांसपेशियां निम्न कारणों से कमजोर हो सकती है -
(1)गर्भ के समय बच्चे की पेट की दीवार या परत का सही तरीक़े से विकसित ना हो पाना। यह एक जन्मजात दोष होता है।
(2) बढ़ती उम्र ,लंबे समय से खांसी  होने,चोट या सर्जरी की वजह से घाव भी हर्निया के कारणों में शामिल है।
(3) गर्भावस्था के दौरान, पेट पर दबाव पड़ना।
(4)कब्ज के कारण मल त्याग करते समय प्रेशर बढ़ जाना।
(5) भारी वजन उठाना। 
(6)अचानक वजन बढ़ना
(7)लगातार खांसी या छीक आना।

हर्निया से बचने के उपाय -( Prevention of Hernia )

कुछ तरह के हर्निया से बचाव संभव नहीं है,किंतु हर्निया के कुछ प्रकार ऐसे हैं जिन्हें सावधानी द्वारा बचा जा सकता है।
वजन नियंत्रित रखें।स्वस्थ आहार का सेवन करें और कब्ज़ से बचने के लिए नियमित व्यायाम करें।मल त्याग और पेशाब के दौरान ज़्यादा ज़ोर लगाने से बचें।
वजन उठाते समय सही तकनीक का प्रयोग करें, ख़ासकर जब भारी वस्तु उठानी हो तो। घर में, कामकाज की जगह में, खेल के दौरान - इन सब जगहों पर इस बात का ध्यान रखें।
बार-बार आने वाली खांसी से बचने के लिए धूम्रपान करना बंद करेंअगर आपको लगातार खांसी आती हो तो तो डॉक्टर से मिलें और खाँसी का उपचार करवायें।
यदि आप में हर्निया के शुरूआती लक्षण दिख रहे हैं तो डॉक्टर से इसकी जाँच करवाएं और इसको बढ़ने से पहले इसका इलाज करवाएं।

हर्निया के प्रकार(types of harnia)

हर्निया के पांच सामान्य प्रकार हैं -

इनगुइनल हर्निया 

यह सबसे सामान्य प्रकार का हर्निया है। यह तब होता है जब पेट के निचले हिस्से की परत में छेद या उसके एक कमज़ोर हिस्से से आंत उभर आती है। औमतौर पर ये हर्निया इनगुइनल कैनाल अर्थात जांघ नलिका के आस-पास होता है।

 हाइटल हर्निया 

 इस प्रकार का हर्निया होने कि मुख्य वजह यह है की हमारे पेट का हिस्सा डायाफ्राम के माध्यम से हमारे छाती के गुहा तक पहुंच जाता है। डायाफ्राम एक तरह की मांसपेशियों का आवरण होता है जो फेफड़ो के सांस खीचने में सहायक होता है। डायाफ्राम उन अंगो को हमारे पेट से अलग रखता है जो हमारे छाती में होते हैं।

इस तरह का हर्निया आमतौर से 50 साल से अधिक उम्र वालों में ज़्यादा होता है। अगर बच्चों में इसके लक्षण पाए जाते हैं तो इसका मतलब है कि बच्चे में जन्म से ही कुछ दोष है। हाइटल हर्निया हमेशा गैस्ट्रोइसोफ़ेगल रिफ़्लक्स पैदा करता है, जिसकी वजह से पेट की सामग्री का रिसाव भोजन नलिका में होने लगता है, जो पेट में जलन का करण बनता है।

 अम्बिलिकल हर्निया

 अम्बिलिकल हर्निया अधिकांशतया  कम उम्र वाले बच्चों को होता है। ये तब होता है जब आंत का उभार पेट की अंदरुनी परत के माध्यम से नाभी के पास पहुंच जाता है। आप उभार को बच्चे की नाभी के पास देख सकते हैं, ख़ासकर जब बच्चा रोता है।

अम्बिलिकल हर्निया ही केवल एक ऐसा हार्निया है जो पेट की मांसपेशियां मज़बूत होने पर अपने आप से ठीक हो जाता है। अगर किसी परिस्थिति में बच्चा एक साल का हो जाता है और हर्निया ठीक नहीं हो पाता है, तो इसे ठीक करने के लिए सर्जरी का प्रयोग किया जाता है।

 इंसिज़नल हर्निया 

  पेट की सर्जरी  के बाद इसके होने की संभावना ज्यादा रहती है। हमारी आंत, सर्जरी के दौरान जो चीर-फाड़ की गई या उसके आस-पास की कमजोर जगह पर प्रभाव डालती है।

 स्पोर्ट्स हर्निया 

पेट के निचले हिस्से में व पेट तथा जांघ के बीच के भाग में तनाव से तथा किसी मुलायम ऊतक के फटने से स्पोर्ट्स हर्निया होता है। 

हर्निया का उपचार

हर्निया का उपचार सर्जरी के माध्यम से किया जाता है।हर्निया में दो तरह की सर्जरी होती है- पहली ओपन सर्जरी और दूसरी लेप्रोस्कोपिक सर्जरी
।ओपन सर्जरी में मरीज को 6 महीने का आराम करने के लिए कहा जाता है।इसमें व्यक्ति 6 महीने तक कोई भी शारीरिक गतिविधि नहीं कर सकता। वहीं लेप्रोस्कोपिक सर्जरी में जनरल एनेस्थीसिया देकर लोकल सर्जरी की जाती है।इसमें छोटा सा चीरा लगाया जाता है।

हर्निया की सर्जरी से उत्पन्न सामान्य समस्याएं

सर्जरी के बाद कुश समस्याएं हो सकती है किंतु कुछ ही समय में धीरे धीरे ये समाप्त हो जाती है -

आंतों में दर्द होना–

 कई बार हर्निया की सर्जरी कराने के बाद व्यक्ति की आंतों (intestine) में दर्द होता है।

रक्तस्राव होना- 

इस सर्जरी के बाद रक्तस्राव होना एक अन्य जोखिम है।
संक्रमण होना- कुछ लोगों में इस सर्जरी के बाद संक्रमण भी हो जाता है।

पेट का खराब रहना- 

कई बार ऐसा भी देखा गया है कि कुछ लोगों में इस सर्जरी को कराने के बाद भी पेट खराब रहता है और ऐसी स्थिति में उसे इस सर्जरी को फिर से कराने की जरूरत पड़ती है।

दिल की धड़कनों का तेज़ होना-

 अकसर ऐसा भी होता है कि हर्निया की सर्जरी के बाद व्यक्ति के दिल की धड़कनें काफी तेज़ हो जाती हैं।




टिप्पणियाँ

Manoj Dwivedi ने कहा…
बहुत ही बढ़िया जानकारी हार्निया बहुत ही पेचीदी बीमारी है ज्यादातर मामलों में सर्जरी ही एकमात्र उपाय होता है
दुलीचंद मेरोठा ने कहा…
हमें बहुत बढ़िया जानकारी हर्निया के बारे में पेश किया

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