मंकीपॉक्स में चेचक जैसे लक्षण,डरने जैसी बात नहीं
मंकीपॉक्स क्या है?
मंकीपॉक्स चेचक के समान एक दुर्लभ वायरल संक्रमण है। पहली बार 1958 में शोध के लिए रखे गए बंदरों में पाया गया था। इससे संक्रमण का पहला मामला 1970 में सामने आया था। यह रोग मुख्य रूप से मध्य और पश्चिमी अफ्रीका के वर्षावन क्षेत्रों में होता है।
मंकीपॉक्स में चेचक जैसे लक्षण,डरने जैसी बात नहीं |
इस रोग को चेचक से जुड़ा हुआ ही माना जा रहा है। हालांकि दक्षिण अफ्रीका में यह बीमारी पहले से ही आम है, लेकिन इसका दूसरे देशों में प्रसार चिंता की स्थिति पैदा कर रहा है।
मंकीपॉक्स एक ऐसी बीमारी है जो दशकों से अफ्रीकी लोगों में आम है,लेकिन अब यह अन्य देशों में भी फेल रहा है। अमेरिका कनाडा सहित अब तक 11 देशों में इसके लगभग 80 मामले पाए जा चुके हैं। हालांकि भारत में अभी तक ऐसा कोई के सामने नहीं आया है आता है, इससे डरने की जरूरत नहीं है। यह एक प्रकार का वायरल संक्रमण है अतः स्वच्छता और इम्युनिटी बढ़ाने पर ध्यान दें।
इसे लेकर अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। इसके प्रसार का अनुपात लगभग 3 से 6% रहा है, लेकिन यह 10% तक हो सकता है। वर्तमान प्रसार के दौरान मौत का कोई मामला सामने नहीं आया है।
ये है मंकीपॉक्स के लक्षण
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार मंकीपॉक्स बीमारी में आमतौर पर बुखार आती है। चेचक के समान शरीर पर दाने और छोटी छोटी गांठें भी ऊभरती है।पीठ दर्द,सूजी हुई लसीका ग्रंथियां,ठंड लगना, थकावट आदि मंकीपोक्स के लक्षण हो सकते है।
बुखार आने के 1 से 3 दिनों के अंदर (कभी-कभी अधिक) रोगी में एक दाना उभरता है, जो अक्सर चेहरे पर शुरू होता है और फिर शरीर के अन्य भागों में फैल जाता है। रोग के लक्षण 2 से 4 सप्ताह तक दिखते हैं जो अपने आप दूर हो जाते हैं।
इस तरह फेलता हे मंकीपॉक्स
मंकीपॉक्स किसी संक्रमित व्यक्ति या जानवर के निकट संपर्क के माध्यम से या वायरस से दूषित सामग्री के माध्यम से मनुष्य में फैलता है।
वायरस टूटी हुई त्वचा (जो भले ही दिखाई न दे), श्वसन पथ, या श्लेष्मा झिल्ली (आंख, नाक या मुंह) के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है।
मंकीपॉक्स वायरस का पशु से मानव में संचरण काटने या खरोंच, शरीर के तरल पदार्थ या घाव,सामग्री के सीधे संपर्क, या घाव सामग्री के साथ अप्रत्यक्ष संपर्क, जैसे दूषित बिस्तर के माध्यम से हो सकता है। माना जाता है कि यह चूहे,गिलहरियों आदि से फैलता है। हालिया दौर में इसके बंदरों से फैलने की आशंका है।
मंकीपॉक्स एक संक्रमण के रूप में घावों, शरीर के तरल पदार्थों, श्वसन के साथ बाहर आने वाली बूंदों और दूषित सामग्री जैसे बिस्तर आदि के माध्यम से फैलता है। हालांकि स्पष्ट नहीं है, लेकिन इसके कुछ मामले यौनसंपर्क से प्रसार संबंधी भी हो सकते हैं।
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