सुनने में तकलीफ को नजरअंदाज ना करें, मशीन का उपयोग अवश्य करें

 कानों की समस्या का एक मात्र समाधान है मशीन

 वाक और श्रवण शक्ति का मानव के विकास में बड़ा योगदान है। सहज संवाद का आधार है ये। इसी माध्यम से हम अपने विचार और भाव प्रकट कर पाते हैं। इनका बाधित होना स्वाभाविक जीवन जीने में कठिनाई उत्पन्न करता है।

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सुनने में तकलीफ को नजरअंदाज ना करें, मशीन का उपयोग अवश्य करें

जो श्रवण शक्ति खोने लगते हैं, वे बोलने में भी लड़खड़ा ने लगते हैं ।सुनने की शक्ति में कमी आने से सामान्य जीवन कठिनाइयों से घिर जाता है। श्रवण शक्ति में बाधा उत्पन्न होने पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। साफ सुनाई ना देना, कानों में अजीब सी आवाज आना, संकेत है कि कानों में समस्या शुरू हो गई है। समय रहते ध्यान दिया जाए तो समाधान मुमकिन है।

यदि कानों में किसी प्रकार की समस्या दिखाई दे तो यह उपाय अपनाएं -

लक्षणों पर गौर करें

यह तकलीफ दिखाई नहीं देती, इसलिए इसकी पीड़ा सिर्फ इस से गुजरने वाला व्यक्ति ही समझ सकता है। सुनने की तकलीफ के कई लक्षण है -जैसे दूसरों की बातें ध्यान लगाकर सुनना, टीवी की आवाज तेज रखना, लोगों को दोहराने के लिए कहना आदि। जब भीड़ में हो कर भी खुद को उस भीड़ का हिस्सा नहीं बन पाते, तो निराशा और तनाव के शिकार होने लगते हैं।

मशीनों की गुणवत्ता

आधुनिक जीवन शैली के चलते श्रवण दोष की समस्या काफी आम हो चली है। इसका इलाज "हियरिंग ऐड्स" यानी कान की मशीन है, जिसकी तकनीक में काफी प्रगति हो चुकी है। आज के दौर में कान की मशीन पहले की तरह बड़ी नहीं होती, मशीन का आकार बहुत छोटा हो चुका है और गुणवत्ता भी बेहतर हो गई है। आजकल रिचार्जेबल और वाटर प्रूफ मशीनें भी उपलब्ध हैं।

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समय रहते मशीन का करें उपयोग

मशीन लगाने से सुनने की तकलीफ बढ़ जाती है, यह एक भ्रम है। लेकिन लंबे समय तक मशीन न लगाने से तकलीफ जरूर बढ़ जाती है, यह सत्य है। अगर लंबे समय तक कान में आवाज ना जाए तो कान की नसों में कमजोरी आ जाती है। इस वजह से कई सालों बाद कान की मशीन लगाने के बाद सुनाई तो देता है, मगर समझ में नहीं आता है।

अनचाही आवाजें आना

कई लोग कान में अनचाही आवाज आने की समस्या से भी ग्रस्त होते हैं। इस तकलीफ को "टीनाईट्स" कहते हैं। कान की मशीन से सिर्फ सुनने की मुश्किल ही दूर नहीं होती, कान में आने वाली अनचाही आवाजें भी कम हो जाती है। यह ऐसी तकलीफ है जो दवाइयों के सेवन या ऑपरेशन से भी ठीक नहीं होती है, मगर मशीन इन दोनों तकलीफों का एक ऐसा इलाज है, जिसके उपयोग से कोई नुकसान नहीं होता।

कस्टमाइज मशीन का उपयोग करें

मशीन लगाना जितना जरूरी है, उतना ही महत्वपूर्ण है मशीन को विशेषज्ञ से लेना। ये सिर्फ मशीन ही नहीं देते बल्कि मशीन को व्यक्ति को सुनने की तकलीफ के हिसाब से प्रोग्राम करते हैं। दुकानों से खरीदी हुई मशीन सिर्फ एक एंपलीफायर होती है ,जिससे कानों को नुकसान हो सकता है,और सिर दर्द,चक्कर आने जैसी समस्याएं भी हो सकती है।

श्रवण शक्ति में कमी के यह हो सकते हैं कारण

सुनाई देने में दिक्कत होने पर समय से डॉक्टर के पास जाया जाए तो मदद संभव है। इलाज में विकास होने के बावजूद कई लोग कान की मशीनों को अपनाने से कतराते हैं। सुनने की तकलीफ बुढ़ापे या कमजोरी का संकेत बिल्कुल नहीं है। यह मलेरिया,, टाइफाइड, वायरल की ही तरह एक मेडिकल कंडीशन है। सुनने में तकलीफ के कई कारण हो सकते हैं जैसे डायबिटीज, हाइपरटेंशन,किडनी रोग आदि।

अतः यदि आपको किसी भी प्रकार से सुनने में समस्या है तो डॉक्टर से संपर्क अवश्य करें और कान में मशीन लगवाने से बिल्कुल भी परहेज नहीं करें। यह आपकी श्रवण शक्ति की सुरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है अन्यथा आप अपनी श्रवण शक्ति को खो भी सकते हैं।



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