व्यायाम से हो सकती है स्पोर्ट्स इंजरी, ऐसे करें बचाव

 

sports injury:

स्पोर्ट्स इंजरी का अर्थ खेल या व्यायाम के दौरान लगने वाली चोट से है। इस दौरान शरीर के किसी भी भाग में चोट लग सकती है, लेकिन स्पोर्ट्स इंजरी( sports injury)का प्रयोग केवल उन्हीं चोटों के लिए किया जाता है, जिनमें मस्क्यूलोस्केलेटल (musculoskeletal) सिस्टम प्रभावित होता है। 

व्यायाम से हो सकती है स्पोर्ट्स इंजरी, ऐसे करें बचाव
व्यायाम से हो सकती है स्पोर्ट्स इंजरी, ऐसे करें बचाव 

स्पोर्ट इंजरी (sports injury) में  अधिकतर उन चोटों को शामिल किया जाता है,जो मसल्स (muscles) या जॉइंट्स (joints)में होती है।

स्पोर्ट्स इंजरी के प्रकार(types of muscles injury):

मोच( Sprain)

हमारे शरीर में हड्डियों को आपस में जोड़ने के लिए कुछ टिश्यू ग्रुप होते हैं, जिन्हें लिगामेंट(ligaments) कहा जाता है। स्पोर्ट्स या व्यायाम के समय इन लिगामेंट्स (ligaments) के खिसक जाने से मोच आ सकती है।

खिंचाव (stretch)

शरीर के अंदर टेंडनस(tendons) टिश्यू के मोटे, रेशेदार तारों से हैं, जो हड्डियों और मांसपेशियों को आपस में जोड़ते हैं। इनमें खिंचाव ही स्ट्रेन है। कुछ लोग स्ट्रेन को मौच(sprain) समझ लेते हैं लेकिन दोनों अलग-अलग है।

मांसपेशियों में सूजन(muscle swelling)

चोट लगने के कारण सूजन (swelling) होना भी सामान्य है। सूजी हुई मांसपेशियां दर्दनाक और कमजोर हो सकती है, साथ ही जल्दी क्षति ग्रस्त भी हो सकती है।

फ्रैक्चर(frecture)

इसमें हेयरलाइन व कंप्लीट फ्रैक्चर होता है। हेयरलाइन में हड्डी जुड़ी हुई होती है और मामूली सा क्रैक दिखाई देता है। जबकि कंप्लीट फ्रैक्चर में हड्डी टूट कर अलग हो जाती है।

डिसलोकेशन(dislocation)

इस प्रकार की इंजरी में हड्डियां अपने जोड़कर स्थान से खिसक जाती है, इसे डिसलोकेशन(dislocation) कहते हैं। इसमें दर्द सूजन होता है, संबंधित हड्डी में कमजोरी आ जाती है और रोटेटर कफ इंजरी भी होती है।

स्पोर्ट्स इंजरी के संभावित कारण(Possible causes of sports injuries)

किसी घटना या एक्सीडेंट के कारण एक्यूट इंजरी(acute injury) देखने को मिल सकती है। इन घटनाओं में शामिल है, स्लीप होना, गिर जाना, किसी चीज से टकराना आदि। इसका इलाज आसानी से हो सकता है।
एक्यूट इंजरी (acute injury)यदि लंबे समय तक बनी रहे तो यह क्रॉनिक इंजरी (chronic injury) का रूप धारण कर लेती है। क्रॉनिक इंजरी (chronic injury) की शुरुआत एक्यूट इंजरी(acute injury) से ही शुरू होती है। किसी कारण से एक्यूट इंजरी ठीक नहीं हो पाती और क्रॉनिक इंजरी में बदल जाती है।

स्पोर्ट्स इंजरी होने पर सावधानियां (Precautions in case of sports injury)

यदि आपको किसी कारण से स्पोर्ट्स इंजरी हो जाती है तो आपको निम्न सावधानियां अपनानी चाहिए
० चोट वाली जगह पर अधिक दबाव न डालें। कुछ दिन आराम करें।
० बर्फ लगाने से सूजन जलन कम होती है और दर्द में भी आराम मिलता है।
० चोट वाली जगह को ऊंचा रखने से सूजन, जलन और दर्द कम करने में भी मदद मिल सकती है।
० अगर आराम नहीं मिल रहा हो तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें

स्पोर्ट्स इंजरी से ऐसे करें बचाव(How to prevent sports injuries)

० व्यायाम या खेल से पहले एक फिटनेस प्लान तैयार करें। केवल एक ही व्यायाम न करें। अलग-अलग तरह के व्यायाम को थोड़ा थोड़ा समय दें।
० व्यायाम और स्पोर्ट्स से पहले हमारा शरीर ठंडा रहता है। इससे अंगों में अकड़न होती है। इसलिए हल्के व्यायाम से पहले वॉर्म अप करें, फिर अन्य प्रकार के व्यायाम करें।
० शरीर में पानी की कमी ना होने दें। शरीर में पर्याप्त मात्रा में पानी विद्यमान होने पर शरीर में लचीलापन बढ़ता है।
व्यायाम से पहले स्ट्रैचिंग करें। स्ट्रैचिंग से मांसपेशियों की क्षमता में बढ़ोतरी होती है और चोट का जोखिम कम होता है। व्यायाम करते समय सही जूते पहने।
० व्यायाम या खेल के सही नियम की जानकारी ना होने से भी इंजरी की आशंका रहती है। इसलिए पहले व्यायाम और खेल के संपूर्ण नियम और तरीकों की जानकारी कर ले।
० जब शरीर या किसी अंग में दर्द हो तो व्यायाम करने से बचें। इससे इंजरी की आशंका बढ़ती है।

स्पोर्ट्स इंजरी में इलाज की आवश्यकता(Sports injury requiring treatment)

स्पोर्ट्स इंजरी में गंभीरता के आधार पर इलाज होता है। हल्की चोट में आराम और फिजियो थेरेपी की जरूरत होती है, जबकि गंभीर इंजरी होने पर सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है। जिन्हें ऐसी समस्या ज्यादा होती है, पहले वे अपने शरीर की क्षमता की जांच भी करवा ले। आधुनिक सुविधाओं के चलते पहले से शरीर की पूर्ण जांच सुविधा उपलब्ध है।

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