Low bp symptoms in hindi: लो बीपी के लक्षण

 Symptoms of low bp in hindi: लो बीपी के लक्षण 

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Low bp symptoms in hindi

Low bp in hindi: मानव जाति में प्रत्येक मनुष्य की एक निश्चित निश्चित बीपी रेंज होती है,जो की 120-140mmhg सिस्टॉलिक व 80-90mmhg  डायस्टोलिक होती है। यदि किसी व्यक्ति का बीपी नियमित रूप से इससे कम 90 mmhg सिस्टोलिक और 60mmhg  डायस्टोलिक रहता है तो वे निम्न रक्तचाप या लो ब्लड प्रेशर (low bp)की श्रेणी(range)में आता है।



लो ब्लड प्रेशर (low bp)वाले रोगियों को सतर्क रहना चाहिए क्योंकि इस रोग में रक्त शरीर के अन्य अंगों तक ठीक से नहीं पहुंच पाता ।इससे स्ट्रोक,हार्टअटैक और किडनी फैलियर का खतरा रहता है।

क्यों होता है लो बीपी(low bp causes)

निम्न रक्तचाप(low bp) की समस्या का कारण(reason)शरीर में पानी की कमी  भी हो सकता हैइसके अलावा हार्मोनल डिसऑर्डर भी  निम्न रक्तचाप का एक कारण(reason of low bp)है,थायराइड रोग,लो ब्लड शुगर भी निम्न रक्तचाप का वजह(low bp cause)बनते हैं। प्रेगनेंसी के दौरान भी लो बीपी हो सकता है

लो बीपी रेंज(low bp range)

बीपी की सामान्य रेंज(range) 120 से 140 mmhg सिस्टोलिक और 80 से 90 mmhg  डायस्टोलिक होती है ।यदि रक्तचाप 90mmhg सिस्टोलिक और 60mmhg डायस्टोलिक तक है,तो लो बीपी रेंज(low bp range) में आता है ।इससे कम होने पर गंभीर स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

लो बीपी के लक्षण(low bp symptoms)

ब्लड प्रेशरमें अचानक कमी (low bp)आने के संकेत(symptoms) हैं-
 चक्कर आना,धुंधला दिखाई देना,धड़कनो का कम या ज्यादा होना,दुविधा की स्थिति बने रहना,शरीर ठंडा पढ़ना,यह एक बहुत खतरनाक स्थिति है, जिसमें शरीर को जरूरी ब्लड सप्लाई नहीं मिल पाती है ।हालांकि इसका इलाज(treatment) भी है ।इसलिए जरूरी है कि किसी को इस तरह के लक्षण(symptoms) नजर आए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और समय पर इसका इलाज शुरू करें नियमित दवाइयां लेते रहे।

लो बीपी का प्राथमिक उपचार(low bp primary treatment)

1.शरीर के ब्लड प्रेशर को मेंटेन रखने में नमक अहम भूमिका अदा करता है इसलिए खाने में नमक की मात्रा बेहद कम रखें और संयमित रहें ।
2.दिन भर में 8 गिलास पानी या अन्य तरल पदार्थ लें ताकि शरीर हाइड्रेट बना रहे ।
3.झटके से ऊपर की ओर उठने से बचें ।दवा डॉक्टर की सलाह से ही ले।
4.ज्यादा मेंटल और फिजिकल स्ट्रेस ना ले ।
5.सिगरेट और शराब का सेवन नहीं करें खाने में सब्जियों व फलों को ज्यादा शामिल करें हाई कार्ब वाले खाने से बचें।




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