इन पांच कारणों से होती है सर्दियों में हार्ट प्रॉब्लम्स,बचने के उपाय


Heart problems and care: हृदय रोगी-सर्दियों में रहें सावधान

सर्दियों में हार्ट प्रॉब्लम्स (heart problems) से बचने के लिए ,ये जानना जरूरी है की ठंड के मौसम में दिल की समस्याओं(heart problems) के कारण क्या है।सर्दियों में हार्ट अटैक(heart attack)का खतरा ज्यादा क्यों होता है।सर्दियों का मौसम वैसे तो स्वास्थ्य की दृष्टि से उत्तम होता है। क्योंकि सर्दी में पाचन क्रिया दुरुस्त होती है।साथ ही ठंड के मौसम में उपलब्ध खाद्य पदार्थ पोषको से भरपूर होते हैं
किंतु सर्दी का मौसम गंभीर बीमारियों से पीड़ित पीड़ित लोगों के लिए खतरा भी पैदा करता है।


जाड़े का मौसम अस्थमा,एलर्जी,शुगर और हृदय रोगियों(heart patients) के लिए खतरे की घंटी होता है।जरा सी असावधानी इस मौसम में रोगी की मृत्यु का कारण बन सकती है। सर्दी के मौसम में हार्ट अटैक(heart attack) की संभावना अधिकतम होती है,यहां तक कि मरीज की जान भी जा सकती है।
सर्दी के मौसम में हार्ट संबंधी समस्याओं मे इजाफा होने लगता है।हृदय रोगियों को हार्ट फेल, हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट जेसी समस्याओं (problems)का सामना करना पड़ सकता है।ठंड के मौसम में हार्ट अटैक के मामले में 50 प्रतिशत तक की वृद्धि देखी गई है।सर्दी में हार्ट अटैक के लक्षण तुलनात्मक रूप से गंभीर हो सकते है।हृदय रोग की तीव्रता का खतरा बड़ जाता है।
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इन पांच कारणों से होती है सर्दियों में हार्ट प्रॉब्लम्स,बचने के उपाय

सर्दियों में हार्ट प्रॉब्लम्स के कारण(clauses of heart problems in winter)

जैसा कि हमने आपको बताया है कि सर्दी के मौसम में हृदय रोग(heart diseases)का खतरा बड़ जाता है।जरा सी असावधानी से अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है।ऐसा क्यों होता है इसके पीछे निम्न कारण(causes)होते है -

० ब्लड प्रेशर का बड़ जाना

ठंड में तापमान कम होने के कारण शरीर से पसीना कम निकलता है।जिसके कारण शरीर से अतिरिक्त पानी और सोडियम लवण बाहर नहीं निकलते है।परिणामस्वरूप रोगी का बीपी (blood pressure)बढ़ जाता है और हृदय को अत्यधिक कार्य करना पड़ता है।जिससे कार्डियक अरेस्ट और स्ट्रोक का खतरा उत्पन्न हो जाता है। दूसरी और पसीना निकलने के लिए यदि कड़ा शारीरिक श्रम किया जाए तो हार्ट रेट बढ़ जाती है,जो हार्ट फेल का कारण बन जाती है।

० कैटीकोलामाइन  का स्राव 

ठंड के मौसम में सिम्पैथिक नर्वस सिस्टम (जो तनाव के समय शारीरिक प्रतिक्रिया को नियंत्रित करने में मदद करता है) सक्रिय हो सकता है और कैटीकोलामाइन स्राव हो सकता है।इसकी वजह से हृदय गति के बढ़ने के साथ हाई ब्लड प्रेशर हो सकता है और रक्त वाहिकाओं की प्रतिक्रिया कम हो सकती है।फलस्वरूप हार्ट को अतिरिक्त काम करना पड़ता है। इस कारण हार्ट फेल (heart felure) की स्थिति बनती है।

हार्ट को ऑक्सीजन की कमी होना

ठंडे मौसम में धुंध और प्रदूषक जमीन के और करीब आकर बैठ जाते हैं।फेफड़ों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है और सांस लेने में परेशानी पैदा हो जाती है। मरीज सांस लेने में तकलीफ का अनुभव करते हैं और हार्ट को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नही मिल पाती है।ऑक्सीजन की कमी हार्ट फेल्योर की वजह बन सकती है।प्रदूषक इन लक्षणों को और भी गंभीर बना सकते हैं,जो हॉस्पिटल में एडमिट होने की वजह बनते है।

०  वेसो कंट्रिक्शन

सर्दियों में हमारे शरीर में होमोस्टेसिस की स्थिति बनाए रखने के लिए हमारे शरीर की रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं। ठंड के मौसम में रक्त वाहिकाओं के इस संकुचन को "वेसो कंट्रिक्शन कहा जाता है। 
शरीर के तापमान को समायोजित करने के लिए त्वचा में उपस्थित रक्त वाहिका है सिकुड़ जाती है जिसके फलस्वरूप ज्ञान रक्त वाहिकाओं में रक्त प्रवाह कम हो जाता है और तापमान की हानि कम हो जाती है जिससे शरीर को गर्म रखना आसान हो जाता है। किंतु रक्त वाहिकाओं में रक्त प्रवाह कम हो जाने के कारण शरीर की कोशिकाओं को और हृदय की कोशिकाओं को ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाती है फलस्वरूप हृदय को इन सभी जगहों पर रक्त पहुंचाने के लिए अतिरिक्त श्रम करना पड़ता है जिससे रक्त दाब बढ़ जाता है और हार्ट अटैक का खतरा उत्पन्न हो जाता है।

० विटामिन D की कमी

शरीर में विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा में उपस्थित थी हार्ड अटैक के समय हार्ट फैलियर को रोकती है। विटामिन डी स्कार टिशूज को बनने से रोकता है। क्योंकि सर्दियों के मौसम में दो पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाती है इस कारण से शरीर की विटामिन डी की आवश्यकता की पूर्ति नहीं होती है।

सर्दियों में हार्ट प्रॉब्लम्स से बचने के उपाय(cure for heart problems in winter)-

०सोडियम और पोटेशियम लवण का संतुलन बनाए रखना 

 हमारे शरीर में सोडियम और पोटेशियम लवण का संतुलन रक्त दाब को संतुलित बनाए रखने के लिए अत्यंत आवश्यक है। इन लवणों की रक्त में पर्याप्त मात्रा में उपस्थिति रक्त दाब को संतुलित रखती है।
सोडियम लवण की पूर्ति हमारे द्वारा खाए जाने वाले खाद्य पदार्थों से पर्याप्त मात्रा में हो जाती है।किंतु पोटेशियम लवण की पर्याप्त मात्रा प्राप्त करने के लिए हमें हमारे भोजन में कुछ विशिष्ट प्रकार के खाद्य पदार्थों पर ध्यान देना होता है। इन खाद्य पदार्थों में खट्टे फल और हरी पत्तेदार सब्जियां प्रमुख है जो हमारे शरीर के लिए पोटेशियम लवण की प्राप्ति का मुख्य स्रोत है। इनमें फाइबर की मात्रा भी प्राप्त होती है जो हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को नियंत्रित करती है।

० योग द्वारा हार्ट प्रॉब्लम्स से बचा जा सकता है

योग हमारी सनातन संस्कृति की एक ऐसी वैज्ञानिक पद्धति है जो विभिन्न स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने की सामर्थ्य रखती है। नियमित योगाभ्यास के द्वारा हम हमारे शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई को ठीक रखते हैं। जिससे हमारे शरीर की टिशूज और कोशिकाएं स्वस्थ रहती है। स्वास्थ्य टिशूजऔर कोशिकाएं रक्त प्रवाह को नियंत्रित रखती है। साथ ही शरीर में मौजूद टॉक्सिंस को बाहर निकालने का कार्य भी करती है। योग पद्धति का संबंध ध्यान से भी है। नियमित ध्यान लगाने से मानसिक तनाव दूर होता है जोकि हमारे शरीर में होने वाले हार्मोन असंतुलन को ठीक करता है जिसके कारण अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के साथ साथ रक्त प्रवाह और हार्ट प्रॉब्लम्स इत्यादि से बचाव संभव है।

० ड्राई फ्रूट्स दिल की समस्याओं से बचाता है 

ड्राय फ्रूट्स और नट्स हृदय संबधी रोगों के जोखिम को कम करने में सहायता करते हैं। यह न सिर्फ आपके रक्त में वसा को संतुलित बनाए रखने में मदद करते हैं, बल्कि खराब कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में भी मदद मिलती है। ड्राय फ्रूट्स और नट्स में मैग्नीशियम, विटामिन-ई, फाइबर और पोटेशियम जैसे पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होती है। जो कि आपके दिल के स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होती हैं।

०सर्दियों में दिनचर्या को धीरे धीरे बदलें एकदम नही

सर्दियों में लोगों को अधिक जागरूक रहने की जरूरत है। हमारा कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम किसी भी बदलाव को धीरे-धीरे स्वीकार कर पाता है। रूटीन में अचानक बदलाव खतरनाक हो सकता है। रूटीन में अचानक बदलाव लाने के बजाय धीरे धीरे हमें हमारी आदतों मैं को बदलना चाहिए।

०ठंडे पानी से नहाने से बचें 

 ठंडे पानी से नहाने से बचे व ठंड से बचाव करें
सर्दी में ह्रदय रोगी गुनगुनी धूप में ही बाहर निकले। ठंडे पानी से नहाने पर दिल की धड़कन बढ़ सकती है
 
एनजाइना का दर्द हो सकता है। बीपी शुगर नियंत्रित रखें। खाने और सोने के बीच 2 घंटे का अंतर रखें। हृदय रोग में सर्दियों मेंं सावधानी जरूर रखें।

हार्ट प्रॉब्लम्स से सर्दियों में बचने के ये रामबाण उपाय है।ह्रदय रोगियों को सर्दियों में विशेष सावधानी की आवश्यकता होती है।थोड़ी सी सावधानी आपको हार्ट प्रॉब्लम्स से दूर रख सकती ओर असावधानी आपकी मृत्यु का कारण बन सकती है

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