नवजात की देखभाल के पांच महत्वपूर्ण उपाय
नवजात शिशु की देखभाल के लिए पांच महत्वपूर्ण टिप्स
Kids care:नवजात शिशु की किलकारी परिवार में खुशियों का माहौल भर देती है। किंतु जहां बात आती है नवजात शिशु की देखभाल की तो यह थोड़ा मुश्किल सा लगता है। क्योंकि नवजात शिशु अपने समस्याओं को बता नहीं सकता और माता-पिता को भी उसकी समस्या जानने में परेशानी होती है। किंतु यदि पांच महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखा जाए,तो आपके और शिशु के लिए बहुत ही सुखद होगा। नवजात शिशु पूर्णता स्वस्थ रहेगा। इसकी देखभाल में आपको किंचित भी परेशानी नहीं आएगी।
नवजात की देखभाल के पांच महत्वपूर्ण उपाय |
संस्थागत प्रसव सुरक्षित होता है
संस्थागत प्रसव से तात्पर्य है किसी स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव कराना । स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव कराने से माता के साथ-साथ शिशु की भी सुरक्षा होती है। क्योंकि प्रारंभिक देखभाल उचित तरीके से होती है और जटिलता के समय तुरंत इलाज भी मिल जाता है। माता शिशु की देखभाल की जानकारी भी डॉक्टर से ले सकती हैं।
नियमित स्तनपान और पूरक आहार का रखें ध्यान
शिशु के लिए मां का दूध अमृत समान होता है। जन्म के बाद जितनी जल्दी हो सके शिशु को स्तनपान शुरू करा देना चाहिए। मां का प्रथम पीला गाढ़ा दूध जिसे कोलोस्ट्रम कहते हैं,यह शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए बेहद जरूरी है। जन्म के पहले 6 माह तक शिशु को केवल मां का दूध ही देना चाहिए। यदि संभव हो तो शिशु को 2 वर्ष की आयु तक स्तनपान कराना चाहिए। शिशु को छह माह की आयु के बाद ही पूरक आहार शुरू करना चाहिए।
टीकाकरण शिशु की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है
बच्चे के जन्म से लेकर कुछ वर्ष तक शिशु का टीकाकरण बहुत जरूरी है,जो शिशु को विभिन्न बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है। सरकारी अस्पतालों में टीकाकरण निशुल्क उपलब्ध है। निशुल्क टीकाकरण की सारणी के अनुसार नवजात शिशु को सही समय पर पूरे टीके लगवाएं।
शिशु की देखभाल के लिए तापमान नियंत्रण आवश्यक है
बच्चे का तापमान नियंत्रित रहे, शिशु ना तो ज्यादा ठंडा है हो और नहीं ज्यादा गर्म। बच्चे का तापमान सही होना जरूरी है इसके लिए कमरे का तापमान सही रखना चाहिए। सर्दी के मौसम में टोपी मुझे ऊनी कपड़े नवजात शिशु को पहनाने चाहिए। नवजात शिशु की मां को स्वयं भी अपने शरीर का तापमान नियंत्रण रखना चाहिए।
नियमित शिशु सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है
नवजात नवजात शिशु का नियमित रूप से डॉक्टर के पास जाकर चेकअप कराएं ताकि शिशु के विकास की मॉनिटरिंग हो सके। बच्चे के वजन लंबाई और सिर की परिधि की जांच कराएं।शिशु की त्वचा का रंग पीला या नीला,सांस में तकलीफ या शिशु सुस्त हो तो डॉक्टर को अवश्य दिखाएं।शिशु को स्वस्थ वातावरण में रखें। नियमित शिशु के नाखून काटे।शिशु को उठाने से पहले अपने हाथ धोएं।सर्दी जुकाम या संक्रमण वाले लोगों को शिशू से दूर रखें क्योंकि शिशु की इम्यूनिटी कम होती है, इसलिए शिशु भी इसका शिकार हो सकता है। मच्छरों से बचाने के लिए मच्छरदानी का उपयोग अवश्य करें।
यह पांच महत्वपूर्ण बातें यदि आप ध्यान में रखेंगे और इनका उपयोग नवजात शिशु की देखभाल में करेंगे तो निश्चित ही नवजात स्वस्थ रहेगा और आपको नवजात शिशु की देखभाल में किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। यह पांच बातें शिशु की सुरक्षा के लिए बहुत ही आवश्यक है।
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