कहीं आप अनिद्रा के शिकार तो नहीं


कहीं आप अनिद्रा के शिकार तो नहीं

क्या होती है अनिद्रा

अनिद्रा का मतलब है सोने में मुश्किल होना या रात को नींद न आना. इसका एक रूप है, स्लीप-मेंटीनेंस इन्सोम्निया, यानी सोये रहने में कठिनाई या बहुत जल्दी जाग जाना और दोबारा सोने में मुश्किल. पर्याप्त नींद न मिलने पर चिंता बढ़ जाती है, जिससे नींद में हस्तक्षेप होता है और यह दुष्चक्र चलता रहता है. 
उच्च रक्तचाप, कंजेस्टिव हार्ट फेल्योर, डायबिटीज व अन्य बीमारियों से भी अनिद्रा का सीधा संबंध है।
कहीं आप अनिद्रा के शिकार तो नहीं,अनिद्रा से बचने के उपाय, अनिद्रा के लक्षण कारण और समाधान,
अनिद्रा और उससे बचने के उपाय


अनिद्रा एक नींद से सम्बन्धित समस्या है, जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है। 
संक्षेप में, अनिद्रा से पीड़ित व्यक्तियों के लिए नींद आना या सोते रहना मुश्किल होता है। अनिद्रा के प्रभाव बहुत भयंकर हो सकते हैं।
अनिद्रा आमतौर पर दिन के समय नींद, सुस्ती, और मानसिक व शारीरिक रूप से बीमार होने की सामान्य अनुभूति को बढाती है। मनोस्थिति में होने वाले बदलाव (मूड स्विंग्स), चिड़चिड़ापन और चिंता इसके सामान्य लक्षणों से जुड़े हुए हैं। 
अनिद्रा में नींद से जुड़े विकारों की एक विस्तृत श्रृंखला है, जिसमें अच्छी नींद के अभाव से लेकर नींद की अवधि में कमी से जुडी समस्याएं हैं। अनिद्रा को आमतौर पर तीन प्रकारों में विभाजित किया जाता है –
1.अस्थायी अनिद्रा – यह तब होती है, जब लक्षण तीन रातों तक रहते हैं।
2.एक्यूट अनिद्रा –  इसे अल्पकालिक अनिद्रा भी कहा जाता है। लक्षण कई हफ्तों तक जारी रहते हैं।
3.क्रोनिक अनिद्रा – यह आमतौर पर महीनों और कभी-कभी सालों तक रहती है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के मुताबिक, क्रोनिक अनिद्रा के ज़्यादातर मामले किसी अन्य प्राथमिक (primary) समस्या से उत्पन्न दुष्प्रभाव होते हैं।

अनिद्रा के लक्षण

1.सुस्ती- अनिद्रा के कारण लोगों में दिखाई देने वाला एक आम लक्षण है।
2.जागने के बाद आपको खुमारी या सर भारी होने का अहसास होता है।
3.जब एक व्यक्ति की रोज की नींद पूरी नहीं होती तो उसके स्वभाव में चिड़चिड़ापन होने लगता है।
4. ऐसे लोगों को बहुत जल्दी गुस्सा आने लगता है और वे धीर धीरे डिप्रेशन का शिकार हो सकते हैं।
5. उनका व्यवहार असामान्य होने लगता है।
6. अगर अनिद्रा की समस्या काफी लंबे समय के लिए हो जाय तो यह शरीर के लिए गंभीर और चिरकारी हो जाती है जिसका इलाज़ अच्छे चिकित्सक से ही करवाना चाहिए।
7.अगर एक व्यक्ति 30 दिनों से भी अधिक समय तक के लिये ठीक से ना सो पाएं तो इसका अर्थ यह है कि वह चिरकालीन अनिद्रा का शिकार है।
8. अनिद्रा के कारण साइकोसोमैटिक परेशानियां जैसे डीप्रेशन, घबराहट, आत्मबल की कमी जैसी समस्याएं भी होती हैं।

गर्म पानी के फायदे

अनिद्रा में सहायक है ये उपाय

1.रात को सोने से पहले गर्म दूध पीना नींद आने का आसान उपाय है। बादाम का दूध कैल्शियम का एक उत्कृष्ट स्रोत है, जिससे मस्तिष्क को मेलाटोनिन (वह हार्मोन जो निद्रावस्था /जागृतवस्था चक्र को नियंत्रित करने में मदद करता है) के निर्माण में मदद मिलती है।
2.कोल्ड प्रेस्सेड कार्बनिक तिल के तेल को अपने पैरों के तलवों पर लगा कर रगड़े , इससे पहले कि आप आराम से सुखपूर्वक चादर ओड़ कर आराम करने जाएं (सूती मोज़े पैरों पर चढ़ा लें, ताकि आपकी चादर पर तेल न लगे)।
3.3 ग्राम ताजा पोदीने के पत्ते या 1.5 ग्राम पोदीने के सूखे पाउडर को 1 कप पानी में 15-20 मिनट के लिए उबालें।
4.रात को सोते समय 1 चम्मच शहद के साथ गुनगुना लें। एक कटे हुए केले पर 1 चम्मच जीरा छिड़कें। रात को नियमित रूप से खाएं।
5.श्वसन पर आधारित व्यायाम, योग और ध्यान आपके मन को विश्राम देने और अच्छी नींद लाने का एक बेहतरीन तरीका है।
6रात में देर तक टीवी देखने या कंप्यूटर पर काम करने से बचें।
7.संध्याकाल के बाद कॉफी, चाय या अन्य वातित पेय का पान करने से बचें।
8.आयुर्वेदिक मालिश और शिरोधारा जैसी चिकित्सा मन को विश्राम देने में मदद कर सकते हैं।
9अपने शरीर को थकाने और ऊर्जा को दिशा देने के लिए रोजाना 30 मिनट के लिए खेल या कसरत का अभ्यास करें। 
10.नियमित ध्यान आपकी नींद पैटर्न को विनियमित और बेहतर कर सकता है।


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