Nahane ke niyam। बिना सोचे समझे नहाना, पड़ सकता है भारी
Nahane ke niyam। बिना सोचे समझे नहाना, पड़ सकता है भारी
हिंदू धर्म में किसी भी कार्य को करने के लिए तन और मन से पवित्र होना जरूरी माना गया है और इसके लिए प्रतिदिन नहाने का नियम बनाया गया है लेकिन क्या आप जानते हैं कि नहाने के भी कुछ नियम कायदे होते है। कब नहाना और कब नहीं ? क्या निर्वस्त्र होकर स्नान करना सनातन संस्कृति के अनुसार शुभ है या अशुभ? किन कार्यों को करते ही तुरंत स्नान नहीं करना चाहिए? इन सभी सवालों के जवाब और इनके पीछे के विज्ञान को विस्तार से समझने का प्रयास करते हैं।
अगर हम इन नियमों की अनदेखी तो हमारी सेहत पर इसका बुरा असर पड़ता है। हम सर्दी-खांसी या सिर दर्द का शिकार हो सकते हैं। यदि नियमित रूप से ऐसा किया तो पैरालिसिस के मरीज भी बन सकते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार नहाने के नियम
आयुर्वेद में स्नान के बारे में स्पष्ट दिशानिर्देश दिये गए है जिनका पालन हमें करना चाहिए।
- नहाने के नियम में पहला नियम है, शुरुआत अपने हाथ और पैरों को धोने से करें।
- अगर आप ठंडे पानी से नहा रहे हैं तो आपको शुरुआत सिर से पांव से करनी चाहिए।
- और अगर आप गर्म पानी से नहा रहे हैं तो आपको पैरों की उंगालियों से धोना शुरु करते हुए फिर सिर तक आना चाहिए।
- आपको बाजार में उपलब्ध केमिकल युक्त साबुन से बचना चाहिए क्योंकि सभी केमिकल आपकी त्वचा अवशोषित कर सकती है।
- नहाने से पहले सरसों के तेल या तिल के तेल की मसाज आपके शरीर के लिए फायदेमंद हो सकती है। यह मांसपेशियों को रिलैक्स करने और त्वचा की बनावट में सुधार करने में मदद करती है।
- हालांकि स्नान करते समय जल्दी नहीं होनी चाहिए, लेकिन बहुत देर तक भी नहाना ठीक नहीं होता। इसके अलावा बेहतर स्वच्छता के लिए दिन में दो बार नहाना पर्याप्त रहता है।
- आप नहाने के पानी के कुछ नीम मिलाकर कुछ समय मे लिए छोड़ सकते है। फिर इस पानी से नहाने से त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार होता है।
बाहर से पैदल चलकर आने के बाद या लंबी ड्राइविंग के बाद- |
कहीं बाहर से पैदल चलकर आने के बाद या लंबी ड्राइविंग के बाद घर पहुंचकर कभी भी नहाना या मुंह नहीं धोना चाहिए। ऐसा करने से पहले कम से कम 30 मिनट का ब्रेक लें।
क्योंकि जब हम बाहर से आते हैं, फिर चाहे पैदल आ रहे हों या लंबी ड्राइविंग और राइडिंग के बाद, इस दौरान हमारे शरीर की ऊष्मा काफी बढ़ी हुई होती है। ऐसे में शरीर पर पानी गिरने से हमारे शरीर का तापमान गड़बड़ा जाता है और बॉडी जुकाम, सर्दी या सिरदर्द के रूप में अपना रिऐक्शन देती है।
खाना खाने के बाद-
खाना खाने के तुरंत बाद कभी भी नहीं नहाना चाहिए। अगर आपको नहाना ही है तो खाना खाने से पहले नहाएं या खाना खाने के कम से कम 2 घंटे बाद नहाना चाहिए।
क्योंकि खाना खाने के बाद हमारी पाचकाग्नि (भोजन को पचानेवाली ऊर्जा) हाई होती है। लेकिन जब हम नहाते हैं तो पानी के कारण हमारे शरीर का तापमान कम होता है। ऐसे में गर्मी और सर्दी के कारण भोजन के पाचन की प्रक्रिया बाधित होती है।
ऐसा करने से अजीर्ण की समस्या होती है यानी कब्ज बढ़ जाता है। व्यक्ति को बुखार आ सकता है या तेज सिर दर्द की दिक्कत हो सकती है। यदि कोई व्यक्ति लंबे समय भोजन करने के बाद नहाने के क्रम को अपनी आदत बना ले तो उसे पैरालिसिस जैसी घातक बीमारी का अटैक भी आ सकता है।
यह तो हमें पता चल गया कि खाने के कितनी देर बाद नहाना चाहिए लेकिन अब मन में यह सवाल भी आ रहा होगा कि आखिर चाय-कॉफी या गर्म पेय पदार्थ लेने के कितनी देर बाद नहाना चाहिए?
तो इस सवाल का जवाब यह है कि अगर आप गुनगुने या गर्म पानी से नहा रहे हैं तो 1 घंटे बाद भी नहा सकते हैं। लेकिन अगर ताजे पानी से स्नान का इरादा है तो कम से कम दो घंटे बाद ही नहाएं।
ऐसा इसलिए क्योंकि हम गर्म पेय पदार्थों का जब सेवन करते हैं तो उनका तापमान सामान्य भोजन के तापमान से अधिक होता है। इससे हमारे शरीर का तापमान काफी तेजी से बढ़ जाता है। जिसे प्राकृतिक रूप से सामान्य होने में डेढ़ से दो घंटे का समय लगता है।
नहाने से पूर्व पानी पीना लाभदायक होता है
नहाने से पहले हमें एक ग्लास सादा या गुनगुना गर्म पानी पीना चाहिए , इससे शरीर का रक्तचाप सामान्य बना रहता है, और हृदय संबंधी समस्या होने का डर नहीं रहता है। गर्म पानी पीने से आपके शरीर का तापमान बढ़ता है और आपका शरीर अंदर से गर्म होता है। जिसके कारण आपकी स्किन पर ग्लो आता है।
सोकर उठने के बाद-
अगर आप सुबह को सोकर उठते हैं और जाकर शॉवर के नीचे खड़े हो जाते हैं तो ऐसा करने की आदत तुरंत छोड़ दें। यह क्रिया आपको हार्ट और बीपी का मरीज भी बना सकती है।
सोते समय भी हमारे शरीर का तापमान अधिक होता है और ब्लड फ्लो की स्पीड भी अधिक होती है। अगर हम बिस्तर से उठकर सीधे जाकर शॉवर के नीचे खड़े हो जाएंगे या तुरंत मुंह धोएंगे तो हमारा शरीर सर्दी-गर्मी का शिकार हो जाता है।
जब आप सुबह के समय सोकर उठें तो कम से कम आधा घंटे बाद ही नहाने जाएं। इस बीच आप ब्रश करें, फ्रेंश हों और अपने दिन की प्लानिंग करने का काम कर सकते हैं।
योग, एक्सर्साइज और डांस करने के दौरान हमारे शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन बहुत तेजी से होने लगता है। इससे हमें गर्मी का अहसास होता है।
आमतौर पर लोग गर्मी और पसीने से बचने के लिए डांस करने या एक्सर्साइज करने के तुरंत बाद नहाने लगते हैं। ऐसा करना सेहत को नुकसान पहुंचाता है।
इन क्रियाओं को करने के बाद शरीर का तापमान सामान्य हो जाने का इंतजार करें। जब आपकी सांस सामान्य गति से आने लगे, दिल की धड़कने सामान्य हो जाएं और आप खुद को शांत अनुभव करें तभी नहाने जाएं। यह नहाने के नियम में दूसरा है, इसमें कम से कम 30 मिनट का समय लगता है। यानी आप आधा घंटा बाद नहा सकते हैं।
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