आंख आना (कंजेक्टिवाइटिस) क्या है?/what is conjunctivitis


आंख  आना (कंजेक्टिवाइटिस) क्या है?/what is conjunctivitis


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आंख आना (कंजेक्टिवाइटिस) क्या है?/what is conjunctivitis

कंजेक्टिवाइटिस को हिंदी में आंख आना, गुलाबी आंख, नेत्र शोथ, नेत्र श्लेष्मा शोथा भी कहा जाता है।

 इसआंख के रोग में आंख के सफेद भाग की बाहरी सतह और पलक की आंतरिक सतह मैं सूजन आ जाती है।
इसमें आंख गुलाबी या लाल दिखाई देती है और आंख में दर्द, जलन, खुरदरा पन या खुजली भी महसूस होती है।

इस रोग से प्रभावित आंख में ज्यादा आंसू आना या सुबह के समय आंख को खोलने में परेशानी भी होती है।

कंजेक्टिवाइटिस के प्रकार -types of conjunctivitis

कंजेक्टिवाइटिस मुख्यतः पांच प्रकार का होता है। इसके प्रकारों को इसके होने के कारण के आधार पर वर्गीकृत किया गया है

1. एलर्जी कंजेक्टिवाइटिस-allergic conjunctivitis

ऐसे व्यक्ति जिन लोगों का शरीर एलर्जीके होता है या मौसम के अनुसार एलर्जी होती है उन्हें अलर्जिक कंजेक्टिवाइटिस हो सकता है। 


वे लोग जब किसी ऐसे पदार्थ के संपर्क में आते हैं जो उनकी आंखों में एलर्जी की प्रतिक्रिया पैदा करता है तो उन्हें एलर्जी कंजेक्टिवाइटिस हो जाता है।

2.जायंट पापिलरी कंजेक्टिवाइटिस -giant papillary conjunctivitis

जायंट पापिलरी कंजेक्टिवाइटिस का कारण कांटेक्ट लेंस होता है।

 जो लोग हार्ड कॉन्टैक लेंस या सॉफ्ट कांटेक्ट लेंस पहनते हैं और उन्हें अक्सर नहीं बदलते हैं या जिनकी आंख की सतह पर खुला टाका है या एक कृत्रिम आंख है उन्हें इस प्रकार का कंजेक्टिवाइटिस होने की संभावना होती है । 

3. बैक्टीरियल कंजेक्टिवाइटिस -bacterial conjunctivitis






बैक्टीरियल कंजेक्टिवाइटिस एक संक्रमण है जो आपको आपकी ही त्वचा या श्वसन प्रणाली से स्टेफिलोकोकल, या स्ट्रैप्टॉकोक्कस बैक्टीरिया से होता है।

, कीड़े, अन्य लोगों के साथ शारीरिक संपर्क, अस्वच्छता या दूषित आंखों के मेकअप और चेहरे के लोशन का उपयोग करने से भी यह संक्रमण हो सकता है।

4. वायरल कंजेक्टिवाइटिस -viral conjunctivitis


वायरल कंजेक्टिवाइटिस सामान्यतया आम जुकाम से जुड़े संक्रामक वायरस के कारण होता है यह ऑपरेशन पथ के संक्रमण के कारण या किसी व्यक्ति की खासियत सीखने के संपर्क में होने के कारण हो सकता है।

5. नियो नेटल कंजेक्टिवाइटिस-neonatal conjunctivitis

Neonatal conjunctivitis, बैक्टीरियल कंजेक्टिवाइटिस का एक गंभीर रूप है जो नवजात शिशुओं में होता है। 

यह एक गंभीर स्थिति है जो तुरंत इलाज नहीं होने पर आंखों का स्थाई नुकसान कर सकती है। 

यह बच्चों में अश्रु नलिका के बंद होने के कारण होता है।

कंजेक्टिवाइटिस (आंख आना) के लक्षण -conjunctivitis symptoms


आंखों के सफेद भाग का गुलाबी या लाल होना, कंजेक्टिवा की सूजन, 

आंसू के उत्पादन में वृद्धि,आंखों में बाहरी वस्तु का महसूस होना या आंखों को रगड़ने की तीव्र इच्छा होना,

 खुजली या जलन होना, आंखों से एक चिपचिपा पदार्थ मवाद का रिसाव होना, पलकों में पपड़ी का जमा होना विशेष रूप से सुबह के समय ,

 कांटेक्ट लेंस का सही जगह न रहना या असुविधा जनक महसूस होना , कंजेक्टिवाइटिस के आम लक्षण है।

कंजेक्टिवाइटिस होने के कारण के आधार पर अन्य लक्षण हो सकते हैं जैसे -

वायरल कंजेक्टिवाइटिस में उपरोक्त लक्षणों के साथ ही बुखार या अन्य श्वशन संक्रमण के लक्षण भी हो सकते हैं।

सामान्यतया यह एक आंख से शुरू होता है और कुछ ही दिनों में दूसरी आंख पर भी  फे ल सकता है। 

इसमें आंख से रिसाव गाढ़ा होने की जगह पतला होता है।

बैक्टीरियल कंजेक्टिवाइटिस एक आंख से शुरू होता है और कभी-कभी दूसरी आंख में फैलता है।

 इसमें आंख में से ज्यादातर पीले हरे रंग का रिसाव होता है यह कभी-कभी कान के संक्रमण के साथ भी होता है।

 एलर्जिक कंजेक्टिवाइटिस आमतौर पर पर दोनों आंखों में होता है
। इसमें आंखों में खुजली आंसू आना और सूजन हो सकती है।
यह एलर्जी के लक्षणों के साथ भी हो सकता है जैसे नाक में खुजली छींके आना गले में खराश या अस्थमा

आंख आना (कंजेक्टिवाइटिस) के चरण -stages of conjunctivitis

प्रथम चरण में लक्षण 3 सप्ताह तक रह सकते हैं। पहले हफ्ते में वायरस संक्रामक कोशिकाओं में बढ़ता है। इस स्तर पर आंख लाल हो जाती है और पलकें सूज जाती है। 
इसमें आंखों से लगातार पानी आना आंखों में कुछ बाहरी पदार्थ महसूस होना सोने के बाद आंखों से एक चिपचिपा रिसाव हो ना आदि लक्षण होते हैं। 

कभी-कभी पलकों में सूजन इतनी गंभीर हो जाती है कि रोगी पलके नहीं खोल पाता है।

कंजेक्टिवाइटिस के दूसरे चरण में धीरे धीरे दूसरे सप्ताह तक लक्षण कम हो जाते हैं। दूसरे सप्ताह में कॉर्निया प्रभावित होता है।

 इस चरण में वायरस बाहरी कॉर्नियल कोशिकाओं को प्रभावित करता है। इसलिए इस परत में छोटे भूरे धब्बे दिखाई देते हैं जलन बढ़ जाती है मरीज को प्रकाश में देखना मुश्किल हो सकता है और कॉर्निया पर सिक्के जैसे दिखने वाले घाव उत्पन्न होते हैं।

कंजेक्टिवाइटिस के तीसरे चरण में अगरकोो घाव कॉर्निया के केंद्र में हैं और ज्यादा संख्या में हैं वह चमक पैदा कर सकते हैं जो रात में रोशनी में देखने में गंभीर समस्याएं पैदा कर सकते हैं,कुछ मामलों में साफ देखने की क्षमता में कमी आ सकती है। 

कुछ लोगों को लगातार जलन महसूस हो सकती है। इलाज ना होने पर भी यह चरण खुद समाप्त हो जाता है। परंतु इसके रहने का समय हर रोग में भिन्न-भिन्न हो सकता है।

आंख आना (कंजेक्टिवाइटिस) से बचाव -prevention of conjunctivitis

कंजेक्टिवाइटिस से बचने के लिए निम्न उपाय करने चाहिए-
1. अपने तोलिए या टिशूज को किसी को उपयोग ना करने दें।

2.. खांसने या छींकने पर अपने नाक और मुंह को कवर करें और अपनी आंख को रगड़े नहीं।

3. कभी भी अपने कांटेक्ट लेंस किसी को इस्तेमाल न करने दें।

4. अपने हाथों को बार-बार धोंये। खासकर जब आप स्कूल या अन्य सार्वजनिक स्थान पर हूं।

5. नल के हैंडल अन्य छूने की वस्तुओं को एक एंटीसेप्टिक क्लीनर से साफ करें।

6.यदि आपको पता है कि आपको मौसमी एलर्जी होती है तो अपने डॉक्टर से पूछे कि आप के लक्षणों को कम करने के लिए क्या किया जा सकता है।

7.यदि आप कांटेक्ट लेंस इस्तेमाल करते हैं तो लेंस की देखभाल के लिए अपने आंखों के चिकित्सक के निर्देशों का पालन करें।

8.तैराकी करते समय पानी में बैक्टीरिया और अन्य सूक्ष्मजीवों से स्वयं को बचाने के लिए तैराकी करने वाले चश्मे का इस्तेमाल करें।

9. नहाने से पहले या किसी भी तरह से पानी के संपर्क में आने से पहले अपने कांटेक्ट लेंस ओं को उतार लें ताकि कोई भी बैक्टीरिया आपकी आंख और लेंस के बीच में न फंस सके। 

कंजेक्टिवाइटिस का उपचार -conjunctivitis treatment

 आई फ्लू का इलाज उसके होने की वजह पर निर्भर करता है।यदि आपको यह एक रासायनिक पदार्थ की वजह से हुआ है तो शायद कुछ ही दिनों में अपने आप ठीक हो जाए लेकिन यदि यह एक जीवाणु वायरस या एलर्जी से हुआ है तो कुछ उपचार विकल्प हैं -

बैक्टीरियल कंजेक्टिवाइटिस संक्रमण के लिए एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग किया जाता है। एंटीबायोटिक दवा से लक्षण कुछ ही दिनों में चले जाते हैं।

वायरल कंजेक्टिवाइटिस में वायरल संक्रमण के लिए कोई इलाज उपलब्ध नहीं है यह संक्रमण 7 से 8 दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है तब तक सिकाई करने से आपके लक्षणों में सुधार आ सकता है।

एलर्जी कंजेक्टिवाइटिस के इलाज के लिए डॉक्टर आपको सूजन को रोकने के लिए एंटीहिस्टामाइन देंगे। लोराताड़ीन, और डीफेनहाइड्रेमाइनएंटीहिस्टामाइन होते हैं जो केमिस्ट के पास आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं।

यह एलर्जी कंजेक्टिवाइटिस सहित एलर्जी के लक्षणों को ठीक करने में आपकी मदद करते हैं।इसके अलावा आपके डॉक्टर आपको एंटी हिस्टामाइन आई ड्रॉप्स या एंटी इन्फ्लेमेटरी आई ड्रॉप्स की दे सकते हैं।

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