घुटने के दर्द का रामबाण इलाज है पीआरपी थेरेपी

 

पीआरपी थेरेपी क्या है(what is PRP therapy)

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PRP therapy for Knee pain

आजकल खराब जीवनशैली और नियमित रूप से वर्कआउट नही करना, और अधिक उम्र में घुटनों का दर्द(knee pain) एक आम समस्या बन गई है।

घुटनों के दर्द के लिए एलोपैथी में जो दवाएं या उपचार होते है उसके काफी साइड इफेक्ट होते है।जिसके कारण व्यक्ति आयुर्वेद की ओर भागता है,किंतु आराम नही होने पर वह वापस एलोपैथी की शरण में ही आता है।

एलोपैथी में इस समय घुटनों के दर्द में एक बहुत ही लाभकारी और हानिरहित थेरेपी का उपयोग घुटनों के दर्द में किया जाने लगा है। पी आर पी थेरेपी।

वृद्धावस्था मे घुटनों के दर्द से परेशान मरीजों के लिए प्लेटलेट रिच प्लाज्मा थेरेपी(पी आर पी) एक नया व प्राकृतिक विकल्प बनकर सामने आई है।इस थेरेपी में मरीज के रक्त से प्लेटलेट लेकर घुटनों में इंजेक्ट किया जाता है।

कैसे किया जाता है इलाज पी आर पी थेरेपी से(How treat knee pain by PRP therapy)

पीआरपी एक इनोवेटिव और प्राकृतिक उपचार है,जो एक सुरक्षित और नोनसर्जिकल विकल्प है।

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चूंकि रक्त में लाल रक्त कणिकाएं,श्वेत रक्त कणिकाएं प्लाज्मा और प्लेटलेट तत्व होते हैं।पीआरपी में प्लेटलेट की हीलिंग प्रॉपर्टीज इस्तेमाल कर दर्द निवारण किया जाता है।प्लेटलेट का प्राथमिक कार्य ब्लीडिंग को रोकना होता है।वास्तव में प्लेटलेट में आठ सौ से भी अधिक प्रोटीन व अणु होते है,जिनमे शामिल गृह फैक्टर्स घाव भरने और टिश्यू रिपेयर का काम करते है।

पीआरपी थेरेपी में व्यक्ति के रक्त से प्लेटलेट अलग कर उन्हें प्रभावित क्षैत्र या जोड़ों में इंजेक्ट किया जाता है।

इससे शरीर की प्राकृतिक हीलिंग प्रक्रिया में वृद्धि होती है,जिससे सूजन व दर्द घटने लगता है,रोगी को धीरे धीरे आराम मिलने लगता है।

पीआरपी थेरेपी के फायदे घुटने के दर्द में(benefits of PRP therapy in knee pain)

1.पीआरपी थेरेपी अन्य विकल्प से बेहतर है

दर्द निवारक,ओरल कॉन्ड्रो प्रोटेक्टिव(केमिकल जो ज्वाइंट कार्टिलेज में क्षरण को रोकता है),इंट्रा आर्टिकुलर स्टेरॉइड(ज्वाइंट स्पेस में लगने वाले इंजेक्शन) से लेकर विस्को सप्लीमेंट (घुटने के जोड़ में हाइल्यूरोनेट नमक मोटे तरल का इंजेक्शन) जैसे नॉन सर्जिकल उपचार दर्द निवारण के लिए किए जाते हैं।इन विकल्पों के बीच प्लेटलेट रिच प्लाज्मा(पीआरपी)थेरेपी एक अच्छा विकल्प है।हीलिंग का यह एडवांस और प्राकृतिक तरीका है।

2.गंभीर रोगियों के लिए उपयोगी है यह थेरेपी

ओस्टियो अर्थराइटिस में जोड़ों के कुशन का काम करने वाले कार्टिलेज के बीच गैप हो जाता है। हिप ओस्टियो अर्थराइटिस,कंधा,टखना सहित दूसरी ओस्टियो अर्थराइटिस और जोड़ों संबंधी समस्याओं जैसे टेनिस एल्बो,गोल्फर्स,लिगामेंट्स,और एथलीट्स में मसल्स इंजरी,कॉमन स्पोर्ट्स इंजरी,मसल्स टियर्स आदि में भी इस थेरेपी को अपनाया जा सकता है।

यदि इस प्रक्रिया को ओस्टियो अर्थराइटिस के शुरुआती दौर में ही अपना लिया जाए तो इसके परिणाम बेहतर होते है,लेकिन यह थेरेपी बाद में भी अपनाई जा सकती है।

यह उपचार डायबिटीज,क्रोनिक किडनी रोग,हाइपरटेंशन जेसी गंभीर स्थितियों में भी लिया जा सकता है।जिन लोगों में घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी किसी कारण से संभव नहीं हो पाती,पीआरपी थेरेपी उनमें पुनः ग्रोथ कर प्रत्यारोपण की जरूरत को खत्म करती है।

सारांश रूप में कहा जाए तो इसे रोगियों जिनकी किसी कारण सर्जरी नही की जा सकती और जिनको अन्य प्रकार के उपचार में भी परेशानी हो , ऐसे मरीजों के लिए घुटनों के दर्द का रामबाण इलाज है पीआरपी थेरेपी।


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