Body detoxification:आयुर्वेद से बॉडी करें डिटॉक्स बीमारियां रहेंगी दूर

Body-detoxification

बदलते मौसम में तापमान धीरे-धीरे बढ़ता है आयुर्वेद के अनुसार इस प्रकार बदलते मौसम में कफ दोष बढ़ता है।इससे कई तरह की व्याधियां या रोग होते हैं इनसे बचाव के लिए शरीर को डिटॉक्स करना बहुत आवश्यक होता है ।

बॉडी डिटॉक्स करने के आयुर्वेदिक तरीके,बॉडी डिटॉक्स केसे करे,इन तरीकों से करें बॉडी डिटॉक्स आसानी से
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पहले से कोई समस्या हो तो भी डिटॉक्स कर सकते हैं। साथ ही स्वस्थ व्यक्तियों को भी वर्ष में 3 बार शरीर को डिटॉक्स करना चाहिए।इनमें शरद, बसंत और वर्षा ऋतु के समय डिटॉक्स करना चाहिए।यहां बताए जा रहे हैं कुछ तरीके है जिससे घर में भी बॉडी(body detox) डिटॉक्स कर सकते हैं

पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं

प्यास बुझाने के साथ ही पानी शरीर को डिटॉक्स भी करता है ।हर एक-दो घंटे में एक गिलास पानी पिए।अक्सर लोग काम के दबाव से पानी पीने पर ध्यान नहीं देते जबकि पानी शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

आंवले का करें उपयोग आंतें रहगीें साफ

दो से तीन हरे आंवले लेकर उन्हें कद्दूकस करके गर्म पानी में रात भर भिगोकर रखें ।सुबह में पानी में थोड़ा सा सेंधा नमक मिलाकर पिए ।तो यह आंतों की सफाई करता है ।इससे पेट भी साफ रहता है,और कब्ज की शिकायत भी नहीं होती है।

नींबू का रस और शहद भी शरीर को डिटॉक्स करते हैं

सुबह खाली पेट नींबू का रस शहद या गुड़ मिलाकर पी सकते हैं ।डायबिटीज के रोगी पानी में केवल नींबू का रस निचोड़ कर ही पिए।

त्रिफला का काढ़ा डिटॉक्स में उपयोगी

रात्रि के समय एक चम्मच त्रिफला चूर्ण ले सकते हैं।कब्ज की शिकायत हो तो त्रिफला चूर्ण के साथ ही ईसबगोल की भूसी भी ले।चाहे तो त्रिफला चूर्ण का काढ़ा बनाकर भी इसको उपयोग में ले सकते हैं।

स्टीम या भाप लेना

स्टीम या भाप लेने से भी शरीर से गंदगी बाहर निकलती है।सामान्यतया सप्ताह में एक बार भाप लें और गर्मी में डॉक्टर सलाह के बाद ही इस क्रिया को करें।

शरीर डिटॉक्स करने के लिए चाय

अदरक, जीरा,धनिया,थोड़ी सी दालचीनी और कुछ तुलसी के पत्तों को पानी में मिलाकर अच्छी तरह से उबालें ।इसमें थोड़ा सा गुड भी मिला ले।यह चाय शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाकर शरीर में उपस्थित दूषित पदार्थों को मूत्र के माध्यम से बाहर निकालती है।

त्वचा को डिटॉक्स करता है वह उबटन

त्वचा को डिटॉक्स करने के लिए उबटन का इस्तेमाल करना सबसे अच्छा माना जाता है। उबटन लगाने का प्रचलन परंपराओं से भी जुड़ा हुआ है।इससे सर्दी के दिनों में त्वचा पर जमी मेल निकल जाती है।

एक्सरसाइज और योग की डिटॉक्स में भूमिका

योग, व्यायाम से शरीर से पसीना निकलता है। इसमें ब्रिस्क वॉक, रनिंग,सूर्य नमस्कार व अन्य प्रकार के व्यायाम शामिल हैं।इन व्यायाम को करते समय पसीना निकलता है ।और पसीने के साथ ही शरीर से गंदगी बाहर निकलती है।

नींद में बॉडी होती है अपने आप डिटॉक्स

पर्याप्त नींद भी शरीर को डिटॉक्स करने का बहुत अच्छा साधन है।नींद भी शरीर को डिटॉक्स करने के लिए जरूरी है।सोने से एक-दो घंटे पहले आप सिर में मालिश करें और पर्याप्त नींद लें।पर्याप्त नींद लेने से थकान भी मिटेगी और बॉडी डिटॉक्स भी होगी।

बॉडी डिटॉक्स करने के लिए पंचकर्म के तरीके

बसंत ऋतु में कफ का प्रकोप होने से ओबेसिटी, अस्थमा,एलर्जी जैसी बीमारियों की आशंका रहती है। इस ऋतु में शरीर को डिटॉक्स करने के लिए वमन या उल्टी कराते हैं जिससे शरीर में उपस्थित कफ बाहर आता है।

वर्षा ऋतु में वात बढ़ने के कारण न्यूरोलॉजिकल बीमारियों जैसे पैरालिसिस और उदर में वात रोग की आशंका रहती है।इसके लिए थेरेपेटिक एनिमा लगाया जाता है।

शरद ऋतु में पित्त का प्रकोप बढ़ने से सोरायसिस, एग्जिमा जैसे त्वचा रोग व ब्लड प्रेशर व ब्लड के रोग बढ़ जाते हैं।ऐसे में बॉडी को डिटॉक्स करने के लिए विरेचन या लूज मोशन करवाया जाता है।

इन तरीकों का उपयोग कर आप बॉडी डिटॉक्स कर सकते है वो भी बिना किसी विशेषज्ञता और परेशानी के।

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