back pain reason।पीठ दर्द के कारण

 व्यस्त दिनचर्या काम की अधिकता और दोषपूर्ण जीवनशैली के कारण पीठ दर्द एक आम समस्या हो गई है।किंतु बैक पेन रीज़न (back pain reason) की सटीक जानकारी इस समस्या से निजात दिलाने में अहम भूमिका निभा सकती है।

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Back pain reason


पीठ दर्द(back pain)की समस्या
सामान्य भी हो सकती है और गंभीर भी।यदि पीठ दर्द के कारण(back pain reason)को समय रहते पहचान लिया जाए तो बहुत बड़ी समस्या से बचा जा सकता है।

पीठ दर्द (backpain)की समस्या अक्सर पीठ(back) की मांसपेशियों अथवा रीढ़ की हड्डी(spine) में उत्पन्न विकार के कारण सामने आती है।

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 पीठ दर्द के सामान्य कारण (general Reason of back pain)

पीठ दर्द का सामान्य कारण पीठ की मांसपेशियों में सूजन अथवा खिंचाव है। पीठ की मांसपेशियों में यह खिंचाव अथवा सूजन निम्न कारणों की वजह से हो सकता है।

1.हड्डियों का कमजोर होना-

हड्डियों का कमजोर होना कमर दर्द या  पीठ दर्द(back pain) का एक सामान्य कारण है ।हड्डिया सामान्यतः कैल्शियम की कमी के कारण कमजोर होती है ।अक्सर हम अपने खान-पान पर ध्यान नहीं देते और शरीर को आवश्यक मात्रा में मिनरल्स नहीं मिल पाते, जिसके कारण शरीर में मिनरल्स की कमी हो जाती है ।मिनरल्स की कमी में यदि कैल्शियम की कमी होती है, तो हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है और हड्डियां कमजोर होने लगती है। जिसके कारण पीठ दर्द (backpain)की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

2. अधिक समय तक बैठकर कार्य करने के कारण -

सामान्यतया अधिकतर लोगों का कार्य इस प्रकार का होता है,की उनको लगातार कई घंटों तक बैठकर कार्य करना होता है। इस लगातार बैठक को सहज बनाने के लिए व्यक्ति बार-बार अपने स्थिति बदलता है,और वह इस बात का ध्यान नहीं रखता की शरीर का सारा वजन रीड की हड्डी पर होता है अतः उसका सीधा होना आवश्यक  है। व्यक्ति अधिकांश समय रीढ़ की हड्डी को गलत कोण पर रखकर बैठता है, जिसके कारण रीढ़ की हड्डी अथवा उससे जुड़ी मांस पेशियों में खिंचाव की समस्या आ सकती है जिसके कारण पीठ दर्द उत्पन्न हो सकता है।

3. एक्सरसाइज का नहीं करना -

अधिकांश लोग काम की भागम भाग में अपने स्वास्थ्य का ख्याल नहीं रखते हैं। शरीर में ऊर्जा के उचित संचार के लिए मांसपेशियों का एक्टिव होना अत्यंत आवश्यक है। मांसपेशियों में रक्त संचार को अच्छा बनाए रखने के लिए सामान्य एक्सरसाइज की आवश्यकता होती है जिनमें स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज अत्यंत आवश्यक है। मांसपेशियों में एक्टिव नेस की कमी के कारण भी पीठ दर्द (back pain)की सामान्य समस्या उत्पन्न हो सकती है।

4. वजन उठाने के लिए सही तरीका नहीं अपनाना -

अधिकांश व्यक्ति लापरवाही पूर्ण तरीके से वजन उठाने का प्रयास करते हैं यदि वजन भारी है और हम गलत तरीके से उसको उठाने का प्रयास करते हैं तो संभव है की रीड की हड्डी अथवा मांसपेशियों में खिंचाव या चोंट आ सकती है जो पीठ दर्द (back pain)की वजह बनती है।

5. अधिक उम्र का होना -

जैसे-जैसे व्यक्ति की उम्र बढ़ती जाती है वैसे वैसे उसकी हड्डियों का घनत्व कम होता जाता है जिसके कारण स्वाभाविक रूप से उसकी हड्डियां कमजोर पड़ने लगती है और रीड की हड्डी शरीर के वजन को सहन नहीं कर पाती और अधिक समय तक कार्य करने या खड़े रहने पर या बैठने पर व्यक्ति को पीठ दर्द होने लगता है।आराम करने पर यह है अपने आप ठीक हो जाता है।

6. मोटापे के कारण -

खराब जीवनशैली और अस्वस्थ भोजन के कारण व्यक्ति का मोटापा बढ़ता जाता है और उसका वजन बहुत ज्यादा हो जाता है। अधिक वजन रीड की हड्डी तथा मांसपेशियों पर और हड्डियों के अन्य जोड़ों पर अत्यधिक दबाव डालता है,जिसके कारण जोड़ों का दर्द अथवा पीठ दर्द (back pain)एक सामान्य बात बात है। यदि लंबे समय तक यही स्थिति बनी रहती है तो जोड़ो और रीढ़ की हड्डी पर पढ़ने वाला अत्यधिक दबाव के कारण यह समस्या जीवन पर्यंत बनी रह सकती है। अतः वजन कम करने पर ध्यान देना चाहिए।

यदि इन सामान्य कारणों से किसी व्यक्ति को पीठ दर्द होता है तो संभव है कि कुछ ही समय में यह या तो अपने आप ठीक हो जाता है अथवा सामान्य दर्द निवारक दवाइयां या दर्द निवारक क्रीम का इस्तेमाल करने से यह दर्द कुछ ही समय में ठीक हो जाता है।

किंतु यदि पीठ दर्द (back pain)या कमर दर्द इस प्रकार से हो की वह ठीक हो जाए और कुछ समय अंतराल पश्चात वापस उत्पन्न हो जाए। तेज पीठ दर्द (back pain)लंबे समय तक बना रहे अथवा पीठ दर्द (back pain)के साथ साथ हाथ अथवा पैरों में कमजोरी सुन्नपन या तेज दर्द महसूस हो।यह दर्द कमर के निचले हिस्से से पैरों तक जाता हो,या शौच या पेशाब पर नियंत्रण ना हो । पैरों और हाथों में कंपन्न हो तो निश्चित ही यह गंभीर बीमारी के संकेत हो सकते हैं।

पीठ दर्द के गंभीर कारण (specific back pain reason)-

अग्रलिखित रोगों के कारण गंभीर पीठ दर्द का सामना करना पड़ सकता है यदि समय पर उपचार ना करवाया जाए तो रोगी को लकवा या पैरालिसिस होने की संभावना होती है।और रोगी हमेशा के लिए बिस्तर पकड़ सकता है।

1. ओस्टियोअर्थराइटिस (osteoarthritis) के कारण पीठ दर्द

इस रोग को अस्थि संधि शोथ भी कहा जाता है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है अस्थियों के जो जोड़ होते हैं,यह उनसे संबंधित बीमारी है इस रोग में जोड़ों की जो कार्टिलेज होती है वह या तो क्षतिग्रस्त हो जाती है या फिर उसमें सूजन आ जाती है।जिसके कारण जोड़ों की गति के समय हड्डियां एक दूसरे से रगड़ खाती है और दर्द की स्थिति उत्पन्न हो जाती है ।यदि यह रोग कूल्हे और रीड की हड्डी को प्रभावित करता है तो पीठ दर्द (back pain)या कमर दर्द की स्थिति उत्पन्न होती है।

2. स्लिप डिस्क (sleep disc) के कारण पीठ दर्द

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स्लिप डिस्क हमारी रीढ़ की हड्डी से संबंधित समस्या होती है ।इस समस्या में रीड की हड्डी के दो वर्टेब्रा के बीच पाई जाने वाली एक कुशन या गद्दी होती है जो वर्टेब्रा को रगड़ खाने से बचाती है तथा शॉक ऑब्जर्वर की भांति कार्य करती है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के  या फिर टूटने के कारण  यह गद्दी या डिस्क अपने स्थान से खिसक जाती है। जिसके कारण रीड की हड्डी में से गुजरने वाली नर्व पर दबाव पड़ता है और दर्द की उत्पत्ति होती है।

3. ओस्टियोपोरोसिस (osteoporosis)भी है पीठ दर्द की वजह

हड्डियों से संबंधित इस बीमारी में हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है।यह हड्डियों की चयापचय से संबंधित रोग है।हड्डियों का घनत्व कम हो जाने के कारण हड्डियां कमजोर हो जाती है एवं बिना किसी दबाव अथवा बिना किसी चोट के भी उन में फ्रैक्चर आने लगते हैं यदि यह स्थिति रीड की हड्डी में बनती है तो अत्यंत सूक्ष्म फ्रैक्चर के कारण पीठ दर्द की समस्या उत्पन्न होती है।

4. स्पाइन ट्यूबरकुलोसिस (spine tuberculosis)के कारण होता है भयंकर पीठ के निचले हिस्से में दर्द

इस रोग को सामान्य भाषा में हड्डी की टीबी भी कहा जाता है।वैज्ञानिक दृष्टि से पॉट्स स्पाइन कहा जाता है। यह रोग एक बैक्टीरिया के कारण होता है जिसे हम माइकोबैक्टेरियम ट्यूबरक्लोसिस कहते हैं यह बैक्टीरिया जब रीड की हड्डी को इनफेक्ट करता है तो यह हमारी हड्डियों के ऊतकों को  गलाना शुरू कर देता है और हड्डियों के ऊपर ऊतकों की गांठें बनना शुरू हो जाती है। यदि यह स्थिति रीड की हड्डी की वर्टेब्रा में उत्पन्न होती है तो हड्डियों के ऊतक गांठ के रूप में उभर कर रीड की हड्डी से गुजरने वाली मेरुरज्जु कर दबाव डालते हैं जिसके कारण गंभीर पीठ दर्द की समस्या उत्पन्न होती है। अधिक गंभीर स्थिति में इस रोग के कारण हाथ पैर में सुन्नपन और भयंकर जलन जैसी चुभन का एहसास होता है और रोगी बिस्तर भी पकड़ सकता है।

5. साइटिका (sciatica) के कारण भी होता है पीठ और पैर में दर्द

पीठ के निचले हिस्से में एक नर्व या तंत्रिका होती है, जिसे हम सायटिक नर्व कहते हैं ।स्लिप डिस्क की स्थिति में कभी-कभी इस साइटिक नर्व पर दबाव आ जाने के कारण पीठ के निचले हिस्से कूल्हे तथा जांघ से होता हुआ दर्द संपूर्ण पैर में उत्पन्न होता है।

6. रीड की हड्डी का कैंसर (spine tumer)

जैसा कि हम जानते हैं कैंसर हमारे शरीर के किसी भी हिस्से में उत्पन्न हो सकता है।कैंसर के स्थिति यदि हमारी रीड की हड्डी के ऊतकों में उत्पन्न होती है ,तो जैसा कि कैंसर के लक्षणों में होता है रीड की हड्डी के उत्तकों में ट्यूमर उत्पन्न हो जाते हैं ।जो हमारी मेरुरज्जु पर दबाव डालते हैं जिसके कारण असहनीय दर्द उत्पन्न होता है जैसे-जैसे ट्यूमर का आकार बढ़ता है दर्द की आवृत्ति और गंभीरता बढ़ती जाती है।

7. पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज (pelvic inflammatory disease) है महिलाओं में पीठ दर्द का कारण।

पीठ दर्द से संबंधित यह स्थिति सामान्यता  महिलाओं में उत्पन्न होती है।जिसका कारण यौन संचारित बैक्टीरिया होते हैं ।जो यौन क्रिया के दौरान महिलाओं के जननांग पथ को संक्रमित कर देते हैं ।यह संक्रमण जब बढ़ता है तो महिलाओं की श्रोणि अथवा पेल्विक में संक्रमण फैलता है और सूजन के कारण दर्द की उत्पत्ति होती है जो श्रोणी से होती हुए पीठ तक पहुंच जाता है। और महिला के जननांग पथ के चारों ओर के संपूर्ण हिस्से में दर्द होता है जो ऐसा एहसास कराता है जैसे पीठ में दर्द हो रहा हो।

उम्मीद है पीठ दर्द के कारण (back pain reason)की जानकारी आपके और आपके जानने वालों के लिए उपयोगी साबित होगी।क्योंकि किसी भी रोग की जानकारी आपको समय पर रोग को पहचानकर उपचार में सहायता करती है और रोग की गंभीर कृति से पहले ही सचेत कर देती है।


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