गर्भवती महिला के लिए हेल्दी डाइट चार्ट
गर्भावस्था में मां और गर्भस्थ शिशु के लिए डाइट की भूमिका अहम होती है। गर्भावस्था के दौरान डाइट ऐसी होनी चाहिए जो गर्भस्थ शिशु के विकास के लिए आवश्यक जरूरत को पूरी कर सके।
इसके लिए गर्भवती महिलाएं की डाइट पर पहली तिमाही से ही ध्यान देना बेहद जरूरी है। हर तिमाही में अलग-अलग तरह के पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है इसलिए उन पोषक तत्वों से भरपूर हेल्दी डाइट लेनी चाहिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार सेगर्भवती महिला के लिए हेल्दी डाइट चार्ट
गर्भावस्था की पहली तिमाही में डाइट
1. फोलिक एसिड:
इसमें गर्भस्थ शिशु के ब्रेन व स्पाइनल कॉर्ड का विकास होता है। इस तिमाही में 600 माइक्रोग्राम प्रतिदिन फोलिक एसिड लेना चाहिए। हरी सब्जियां,बींस, नट्स, बीटरूट, आदि फोलिक एसिड के अच्छे स्रोत हैं।2. प्रोटीन:
प्रोटीन मांसपेशियों के विकास के लिए आवश्यक है और यूटरिन मसल्स के लिए भी जरूरी होता है। गर्भवती महिला को 75 ग्राम प्रोटीन की रोज जरूरत होती है। डेयरी प्रोडक्ट, दालें,अंकुरित अनाज, प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं।गर्भवती महिला के लिए हेल्दी डाइट चार्ट |
3. कैल्शियम:
प्रेगनेंसी में 1000 मिलीग्राम कैल्शियम की प्रतिदिन आवश्यकता पड़ती है। कैल्शियम का सबसे अच्छा स्रोत दूध, साथ ही दूध से बनी हुई चीजें जैसे दही,पनीर इत्यादि है। कई प्रकार के सीड्स,रागी, राजगिरे के आटे में कैल्शियम अधिक मात्रा में पाया जाता है।साथ ही हरी सब्जियों में भी कैल्शियम पर्याप्त मात्रा में होता है।4. आयरन:
गर्भकाल में प्रतिदिन 27 मिलीग्राम आयरन शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर नियंत्रित रखने के लिए जरूरी होता है। इससे ब्लड बढ़ता है। आयरन के स्रोत की बात करें तो सूखे मेवे,गुड, हरी सब्जियों,फलियों आदि से पर्याप्त मात्रा में आयरन प्राप्त होता है।5. विटामिन सी:
गर्भावस्था में प्रतिदिन 85 मिग्रा. विटामिन सी की जरूरत होती है। विटामिन सी हड्डियों और उत्तकों के विकास के लिए जरूरी होता है। विटामिन सी प्राप्त करने के लिए सिट्रस फ्रूट्स, आंवला ,फलों के जूस आदि अत्यधिक फायदेमंद होते हैं।6. पोटेशियम:
गर्भावस्था में रक्तचाप व फ्लूड की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए पोटेशियम एक अत्यधिक जरूरी पोषक तत्व होता है। जरूरी ओमेगा 3 फैटी एसिड के लिए सूखे मेवे,बादाम,अखरोट आदि का सेवन गर्भकाल की पहली तिमाही में करना चाहिए।गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में आवश्यक पोषक तत्व
1. फ्लूड की कमी ना हो इसके लिए पानी ,छाछ नारियल पानी, जूस ,लेमन वाटर समय-समय पर लेते रहें।2. इस तिमाही के दौरान गर्भाशय का आकार बढ़ता है तो प्रोटीन डाइट पर विशेष ध्यान दें। कैल्शियम की आवश्यकता 1300 मिलीग्राम तक हो जाती है।
3. इस अवस्था में फोलेट तत्वों का सेवन भी जरूरी है। यह होने वाले शिशु को मेंटल डिसऑर्डर से बचाता है। 400 से 800 माइक्रोग्राम तक फोलेट तत्वों की जरूरत पड़ती है। विटामिन डी भी इस तिमाही में अत्यंत आवश्यक होता है।
प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में पोषक तत्व
प्रेगनेंसी की इस तिमाही में मैग्नीशियम जरूरी है जो शरीर में ऐठन और प्रीटर्म लेबर से बचाता है। यह जो ओट्स और बीन्स मिलता है। गर्भवती महिलाओं को 300 से 400 मिलीग्राम तक प्रतिदिन मैग्नीशियम जरूरी होता है। साथ ही इस तिमाही में विटामिन सी विटामिन डी विटामिन बी सिक्स विटामिन b12 जरूरी है।गर्भावस्था की संपूर्ण अवधि के दौरान इस हेल्दी डाइट चार्ट को फॉलो करके गर्भकाल के दौरान होने वाली समस्याओं से काफी हद तक बचाव संभव है।
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