क्या कैंसर की दवा मिल गई है,जानें पूरा सच

 कैंसर के इलाज के लिए दवा के उपयोग का दावा कितना सही और कितना गलत

Cancer treatment drug:कैंसर एक लाइलाज और भयावह बीमारी है। विभिन्न कारणों से विभिन्न प्रकार का कैंसर मनुष्य के शरीर में जन्म लेता है। जिसके लिए कीमोथेरेपी,रेडियोथेरेपी और सर्जरी का सहारा लेकर इलाज किया जाता है। कैंसर के इलाज के लिए जो थेरेपी उपयोग में ली जाती है,वह अत्यंत कष्टदायक होती है,तथा इलाज के दौरान मरीज को भयंकर कष्ट से गुजरना पड़ता है।

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लंबे समय से कैंसर की बीमारी को लाइलाज बीमारी माना जा रहा है,लेकिन शायद अब ऐसी उम्मीद है कि वैज्ञानिकों को कैंसर की बीमारी का इलाज मिल गया है। रेक्टल कैंसर से जूझ रहे मरीजों के लिए वैज्ञानिकों ने एक ऐसा दवा खोज निकाली है, जिसका 6 माह सेवन करने से कैंसर 100 फीसदी ठीक हो जाता है।अमेरिका के मैनहैटन एमएसके कैंसर सेंटर में डॉस्टरलीमैक नामक दवा से कैंसर रोगी को पूरी तरह से स्वस्थ होने का दावा किया गया है। इसके बाद से उम्मीद जगी है कि बिना सर्जरी और कीमोथेरेपी के बिना केवल ओरल मेडिसिन से कैंसर का 100 फ़ीसदी इलाज संभव हो सकता है।

 प्रारंभिक परीक्षणों में यह दवा 100 फीसदी काम कर रही है और फिलहाल इस दवा पर परीक्षण जारी है। इस दवा के ट्रायल में केवल 12 लोगों को शामिल किया गया है और सभी 12 रोगी रेक्टल कैंसर से पीड़ित थे,जिन पर इस दवा का सफल प्रयोग किया गया है। लेकिन इसे लेकर यह मान लेना कि यह सभी तरह के कैंसर में असरकारक सिद्ध होगी अभी जल्दबाजी होगी।

यह दवा पहले से एंडोमेट्रियल कैंसर में दी जा रही है और अभी तक इसका परीक्षण केवल रेक्टल कैंसर रोगियों पर ही हुआ है। दूसरी बात यह भी है कि अभी यह ट्रायल एम एस आई पॉजिटिव रोगियों में हुआ है। ऐसे में लंग, ब्रेस्ट ओवेरियन, ट्यूमर सहित विभिन्न तरह के कैंसर पर और भी सैकड़ों लोगों पर ट्रायल होना बाकी है।

यह दवा भी स्टेज फॉर एडवांस स्टेज कैंसर के लिए अप्रूव की गई है। कैंसर की शुरुआती स्टेज के लिए यह अप्रूव नहीं है।

भारत में इस दवा की उपलब्धता में अभी समय है। क्योंकि इसके क्लीनिकल ट्रायल और अप्रूवल के बाद ही यह मिल पाएगी।

देश में पहले से स्टेज 4 और लंग कैंसर के लिए कई इम्यूनोपैथी ड्रग्स मौजूद हैं।

अभी इस ड्रग सहित इम्यूनोथेरेपी ड्रग्स की कीमत बहुत ज्यादा है। एक ही तरह के कैंसर पर हुए ट्रायल के बाद अभी अन्य तरह के कैंसर पर ट्रायल होना बाकी है। उपलब्धता में अभी काफी समय लगेगा।

इस तरह करती है यह दवा काम

शरीर का इम्यून सिस्टम नॉर्मल सेल्स और रेक्टल कैंसर की सेल्स में फर्क नहीं कर पाता है।कोरोना की तरह रेक्टल कैंसर की सेल्स भी खुद को छिपा लेती है।जिससे इम्यून सिस्टम उसको पहचान नहीं पाता है और ये बीमारी गंभीर हो जाती है।लेकिन डॉस्टरलिमैब दवा रेक्टल कैंसर को पहचान कर उसे उजागर कर देती है।जिससे इम्यून सिस्टम कैंसर को पहचानकर उससे लड़ता है,और खत्म कर देता है।

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