अधिक उम्र में जवान दिखने का राज

 

महिलाएं परिवार के हर सदस्य के स्वास्थ्य व अन्य जरूरतों का ख्याल रखती है लेकिन वह अपनी सेहत पर ध्यान नहीं दे पाती है सही मायनों में महिला सशक्तिकरण के लिए उन्हें स्वास्थ्य के प्रति जागरूक और प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।जीवन के हर पड़ाव पर वह किन बातों का ध्यान रखें जानिए-

1. किशोरावस्था में सही रखे अपनी दिनचर्या

इस उम्र में अच्छा पोषण और नियमित योग व्यायाम से अधिक उम्र में भी दिक्कत नहीं होती है। हाई प्रोटीन  हेल्दी डाइट लें। कई रिसर्च में पाया गया है कि इस उम्र में करीब 50 प्रतिशत लड़कियां एनीमिया से ग्रसित होती है।ऐसे में पालक चुकंदर जैसी आयरन रिच डाइट अधिक ले।  मासिक धर्म और हाइजीन की सही जानकारी दी जाए। इसके अलावा डिब्बाबंद व प्रोसैस्ड फूड कम से कम ले।सोडा कोल्ड ड्रिंक्स और अल्कोहल का त्याग करें।
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2. युवावस्था में परिवार ही नहीं खुद की सेहत का भी ध्यान रखें

महिलाओं पर मातृत्व सुख के साथ ही परिवार की भी जिम्मेदारी होती है।खुद पर भी ध्यान दें प्रीमैरिटल और प्रीकनसेप्शनल काउंसलिंग कराए।ं सुरक्षित गर्भनिरोधक साधनों की जानकारी रखें। बांझपन के बारे में मिथ्यों से बचें और विशेषज्ञ से खुलकर बात करें। प्रेगनेंसी के दौरान और बाद में भी सेहत का ध्यान रखें।

3. प्रौढ़ावस्था में शारीरिक और मानसिक बदलाव होते हैं

प्रौढ़ावस्था में मेनोपॉज के कारण कई तरह के शारीरिक मानसिक बदलाव होते हैं।
इस उम्र में ऑस्टियोपोरोसिस,कई तरह के कैंसर, मासिक धर्म की अनियमितता, गर्मी के बफारें, जोड़ों में दर्द ,वजन बढ़ना आदि समस्याएं हो सकती है,अतः कम उम्र से ही व्यायाम करें।पैप स्मीयर टेस्ट, हड्डियों की जांच व मैमोग्राम डॉक्टर की सलाह से कराएं।

4. वृद्धा अवस्था में चीनी नमक व कैफीन वाली चीजें कम लें

वृद्धावस्था के समय हाई बीपी, अल्जाइमर्स, मधुमेह जैसी समस्याएं हो सकती है।नियमित डॉक्टरी परामर्श व स्वास्थ्य जांच करवाएं इस समय आपको ऐसी डाइट लेनी चाहिए।जिसमें शुगर और कैफीन की मात्रा कम हो।प्रोटीन की मात्रा अधिक हो और एंटीऑक्सीडेंट युक्त आहार का सेवन करें।
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5. आवश्यकतानुसार आयुर्वेदिक उपाय को भी अपनाएं

एनीमिया:

 इसको पांडुरोग ही कहते हैं। इसमें आंवला ,चुकंदर, अनार, पालक,पीपली का चूर्ण, शहद या मिश्री के साथ ले ,लोह भस्म पुनर्नवा मंडूर या कुछ अवलेह भी ले सकते हैं।

पीसीओडी:

 मीठा और तेलीय चीजें कम तथा सलाद अंकुरित चीजें अधिक खाएं। रोज दालचीनी की चाय पिए। गुनगुने पानी में नींबू का रस व दशमूल का काढ़ा 10ml बराबर पानी से लें।

यूरिन में संक्रमण:

 जिन्हें बार बार यूरिन में संक्रमण होता ह,ै उन्हें शहद या मिश्री के साथ आंवला चूर्ण सुबह-शाम लेना चाहिए रात में साबुत धनिया भिगो दें और सुबह उबाल कर पिएं।

अनियमित माहवारी: 

आहार में गुड,आंवला, सरसों का साग, दालें ,मोटा अनाज ,चावल का मांड आदि अधिक मात्रा में लेना चाहिए।

इस प्रकार महिलाएं अपनी किशोरावस्था से ही इन छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर साथ ही विभिन्न प्रकार के योग प्राणायाम और व्यायाम से जुड़कर वृद्धावस्था में भी स्वस्थ रह सकती हैं।

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