हाई ब्लड प्रेशर के सात बड़े नुकसान, ऐसे बचें

हाई ब्लड प्रेशर के नुकसान

 अक्सर लोग हाई ब्लड प्रेशर की अनदेखी करते हैं। कई बार खास अंगों को नुकसान पहुंचता है जानते हैं इनके बारे में -

हाई ब्लड प्रेशर के सात बड़े नुकसान, ऐसे बचें, उच्च रक्तचाप से होता है कई अंगों को नुकसान, हाई ब्लड प्रेशर के नुकसान,
हाई ब्लड प्रेशर के सात बड़े नुकसान, ऐसे बचें

1. हार्ट अटैक:

उच्च रक्तचाप रक्त वाहिकाओं पर अतिरिक्त दबाव डालता है ,जो समय के साथ रक्त वाहिकाओं के संकुचित कर इनको नुकसान पहुंचाता है। इससे हृदय में रक्त का प्रवाह प्रभावित होता है और दिल के दौरे का खतरा बढ़ जाता है। कोरोनरी धमनियों में वसा, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों के निर्माण के कारण क्षति और बढ़ जाती है।

2. अचानक धमनी फट सकती है (एन्यूरिज्म)

लंबे समय तक उच्च रक्तचाप की अनदेखी करने पर एक मेडिकल कंडीशन उत्पन्न हो सकती है जिससे एन्यूरिज्म कहते हैं।

 एन्यूरिज्म (Aneurysm) के दौरान कोई ब्लड वेसल एक गुब्बारे की तरह फूल जाती है और वह ऐसी लगती है जैसे किसी पेड़ पर कोई बेर लटक रही हो। यह लीक हो सकती है या फट भी सकती है, जिससे आपके किसी भी अंग में ब्लीडिंग होनी शुरू हो जाती है। मुख्य रूप से ऐसा ब्रेन और पतले टिश्यू के बीच वाले स्पेस में ही होता है। यह एक प्रकार का स्ट्रोक होता है और ऐसी स्थिति जानलेवा होती हैं। इसलिए तुरंत मेडिकल इलाज करवाना बहुत जरूरी होता है। इस प्रकार की स्थिति में न तो आपको कोई लक्षण दिखता है न आम तौर पर आपको कोई शारीरिक स्थिति महसूस होती है। ऐसा केवल किसी मेडिकल टेस्ट के दौरान ही पता चल पाता है।

3. हार्ट फेल होना

हार्ट फेल्यॉर उस स्थिति को कहा जाता है, जब हार्ट यानी आपका हृदय शरीर के अन्य अंगों तक पर्याप्त मात्रा में रक्त पहुंचाने का कार्य सही तरीके से नहीं कर पाता है। इस स्थिति हार्ट की पंप करने की गति कम हो जाती है।

जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या रहती है, उनके हार्ट को शरीर में रक्त की सप्लाई के लिए को सामान्य लोगों के हार्ट की तुलना में अधिक काम करना पड़ता है। जब यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहती है तो इन लोगों के हार्ट की मांसपेशियां मोटी और क्षतिग्रस्त हो जाती हैं।

बड़ी हुई मोटाई के कारण इनकी कार्य क्षमता प्रभावित होती है और ये सख्त तथा कमजोर होने लगती हैं। इस कारण ये पंप करने के काम ठीक से नहीं कर पाती हैं और यही स्थिति हार्ट फेल्यॉर की वजह बन जाती है।

4. किडनी या गुर्दे का फेल होना

किडनी शरीर में रक्त को फिल्टर करते हैं, शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करते हैं। किडनी विषाक्त को ब्लैडर में डालते हैं,जो पेशाब करते समय शरीर से बाहर निकल जाते हैं। किडनी पीठ के निचले हिस्से में स्थिति अंगों की एक जोड़ी हैं। रीढ़ की दोनों तरफ एक किडनी होती है। लेकिन जब किडनी खराब हो जाते हैं, तो किडनी रक्त से अपशिष्ट को पर्याप्त रूप से फिल्टर करने की क्षमता खो देते हैं। 

हाई ब्लड प्रेशर के कारण किडनी की क्रियाशीलता पर असर पड़ता है। किडनी पानी और सोडियम को कम निकालती है।उच्च रक्तचाप गुर्दों में पाए जाने वाले ग्लोमेरुली भागों को नुकसान पहुँचा सकता है। ग्लोमेरुली शरीर में उपस्थित अपशिष्ट पदार्थों को छानने में मदद करते हैं। 

5.आंखों की नसें कमजोर हो सकती है

हाई ब्लड प्रेशर का मुख्य कारण धमनियों में आने वाला अवरोध एवं धमनियों का मोटा होना है। हाई ब्लड प्रेशर की इस अवस्था के कारण धीरे धीरे आंखों तक ब्लड पहुंचाने वाली खून की नसें ब्लॉक हो जाती है और आंखों की कोशिकाएं धीरे धीरे कमजोर होकर काम करना बंद कर देती है। यहां तक की यदि ब्लड प्रेशर को कंट्रोल नहीं किया जाए तो आंखों की रोशनी भी जा सकती है।

6. मेटाबॉलिक असंतुलन

उच्च रक्तचाप हमारे शरीर में मेटाबोलिक संतुलन उत्पन्न करता है। शरीर में मेटाबोलिक असंतुलन के कारण कई प्रकार के रोग जैसे हृदय रोग, दिल का दौरा, डायबिटीज,थायराइड की परेशानी,यूरिक एसिड बढ़ना,लिपिड विकार,गुर्दे और अग्न्याशय से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याएं इत्यादि की संभावनाएं बढ़ जाती है।

हमारे शरीर में होने वाली चयापचय प्रक्रिया के बिगड़ने से विभिन्न तरह के रोगों से ग्रस्त होने की आशंका बढ़ जाती है। यही नहीं, अलग-अलग उम्र में चयापचय विकार से होने वाले रोग भी भिन्न हो सकते हैं।

7. सोचने समझने और सीखने में दिक्कत

अनियंत्रित हाई बीपी का असर हमारे मस्तिष्क पर भी होता है। अनियंत्रित उच्च रक्तचाप के कारण हमारे मस्तिष्क की कोशिकाओं को ब्लड सप्लाई उचित तरीके से नहीं हो पाती है,जिसके कारण इन कोशिकाओं को पोषक तत्व और ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हो पाती। मस्तिष्क की कोशिकाओं की कार्य क्षमता कमजोर होने लगती है और मस्तिष्क की कोशिकाएओ को नुकसान पहुंचता है,वे अपने कार्य के प्रति भ्रमित होते हैं जिसके कारण सोचने समझने और सीखने की क्षमता पर असर पड़ता है।

उच्च रक्तचाप न केवल एक स्वास्थ्य समस्या है बल्कि यह अन्य कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं को उत्पन्न करने का कारण बनती है और शरीर के कई अंगों को धीरे धीरे नुकसान पहुंचाता रहता है, अतः इन अंगों को नुकसान से बचाने के लिए अपने रक्तचाप को नियंत्रित रखें। उच्च रक्तचाप कभी-कभी किसी प्रकार के लक्षण नहीं दिखाता है। इसलिए समय-समय पर अपने रक्तचाप का परिक्षण करवाते रहेंगे तो इस नुकसान से बचे रहेंगे। यदि परीक्षण करवाने के दौरान पता चलता है कि आपको रक्तचाप संबंधी समस्या है तो इसका निवारण अवश्य करें।






टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

शीघ्रपतन(premature ejaculation) की समस्या ,करें ये आसान आयुर्वेदिक उपचार ,

अश्वगंधा एक वरदान,अनेक है इसके फायदे

constipation and aayurveda : आयुर्वेदिक नुस्खों से करें पुरानी कब्ज को जड़ से खत्म