Dalchini ke fayde। हैरान हो जाएंगे आप दालचीनी के इन 5 फायदों को जानकर


दालचीनी के फायदे(Dalchini ke fayde) 

 दालचीनी परिचय

दालचीनी (Cinnamomum verum, या C. zeylanicum) एक छोटा सदाबहार पेड़ है, जो कि 10–15 मी (32.8-49.2फीट) ऊंचा होता है, यह लौरेसिई (Lauraceae) परिवार का है। 


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दालचीनी के फायदे


यह श्रीलंका एवं दक्षिण भारत में बहुतायत में मिलता है। इसकी छाल मसाले की तरह प्रयोग होती है। इसमें एक अलग ही सुगन्ध होती है, जो कि इसे गरम मसालों की श्रेणी में रखती ।

दालचीनी का पेड हमेशा हराभरा तथा छोटी झाड़ी जैसा होता है। उसके तने की छाल चुनकर सुखाई जाती है। उनका आकार कवेलू जैसा गोलाकार, जाडा, मुलायम तथा भुरे लाल रंग का होता है। 

दालचीनी के पेड़ से हमेशा सुगंध आती है। इसका उपयोग मसालो और दवा के तौर पर किया जाता है। इसका तेल भी निकाला जा सकता है।

 दालचीनी के पेड़ को पत्तों का उपयोग खाने में मसाले की तरह किया जाता है। इन्हे तेजपत्ता भी कहा जाता है।

दालचीनी के पोषक तत्व 

पोषक तत्वमात्रा प्रति 100 ग्राम -

पानी 10.58 gm, ऊर्जा247 kcal, प्रोटीन3.99 gm, फैट1.24 gm ,कार्बोहाइड्रेट80.59 gm, शुगर2.17gm।

मिनरल

कैल्शियम1002 mg,आयरन8.32 mg,मैग्नीशियम60 mg,फास्फोरस64 mg,पोटेशियम431 mg,सोडियम10 mg,जिंक1.83 mg,मैंगनीज17.466 mg ,कॉपर0.339 mg,सिलेनियम3.1 µg।

विटामिन

विटामिन-सी3.8 mg,थियामिन0.022 mg,राइबोफ्लेविन0.041 mg,नियासिन1.332 mg,पैंटोथैनिक एसिड0.358 mg,विटामिन-बी 60.158 mg,फोलेट6 µg,विटामिन-ए15 µg,कैरोटीन, बीटा 112 µg, कैरोटीन, अल्फा 1 µg,लाइकोपीन 15 µg,ल्यूटिन + जेक्सैंथिन222 µg,विटामिन ई (अल्फा-टोकोफेरॉल)2.32 mg।mg।


दालचीनी के फायदे

1.पाचन में सुधार 

पाचन में सुधार लाने और जठर संबधी विकारों के लिए अलग-अलग तरीकों से दालचीनी का उपयोग कर सकते है।

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दालचीनी के फायदे


अपच, पेटदर्द और सीने में जलन महसूस होने पर आप दालचीनी, सौन्ठ, जीरा और इलायची सम मात्रा में लेकर पीसकर गरम पानी के साथ ले सकते हैं।

दालचीनी, काली मिर्च पावडर और शहद आदि मिलाकर भोजन के बाद लेने से पेट अफारा नहीं होता।

दालचीनी से जी मचलना, उल्टी और जुलाब रुकते है।
कब्ज ओर गैस की समस्या कम करने के लिये दालचीनी के पत्तों का चूर्ण और काढा बना कर लिया जाता है।

2.सर्दी, खांसी या गले की तकलीफों में -

सर्दी, खांसी या गले की तकलीफों में दालचीनी बेहद बढ़िया असरदायक दवा का काम कर सकती है. इसे पीसकर एक चम्मच शहद के साथ एक चुटकी मात्रा में खाने से जुकाम में आराम मिलता है. 

आप गर्म या गुनगुने पानी में दालचीनी के पाउडर को शहद के साथ मिलाकर पी सकते हैं. दालचीनी के पाउडर को पिसी हुई काली मिर्च के साथ सेवन करने से भी राहत मिलती है. इससे पुराने कफ में भी राहत मिलेगी।

3.मोटापा - 

मोटापे के लिए दालचीनी का सेवन एक रामबाण उपाय है। यह शरीर में कोलेस्ट्रॉल को कम करती है, जिससे वजन कम होता है। इसके लिए दालचीनी की चाय बहुत फायदेमंद है।

एक चम्मच दालचीनी पाउडर को एक गिलास जल में उबालकर आंच से उतार लें। इसके बाद उसमें दो बड़े चम्मच शहद मिलाकर सुबह नाश्ता करने से आधा घंटा पहले पिएं।

 रात को सोने से पहले भी इसका सेवन करना दुगुना फायदेमंद होता है, और अतिरिक्त चर्बी धीरे-धीरे समाप्त हो जाती है।

4.दालचीनी की चाय बी पी,शुगर को कंट्रोल करती हैं- 

दालचीनी में पॉलिफीनॉल एंटीऑक्सीडेंट होता है जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित कर दिल की बीमारियों के खतरे को घटाता है। 
यह इंसुलिन की संवेदनशीलता को भी बढ़ाता है और इस तरह शुगर (मधुमेह) लेवल को भी नियंत्रण में रखता है।
 सुबह के वक्त में दालचीनी की चाय पीने से मेटाबॉलिज्म और पाचन में सुधार होता है जिससे मोटापे को कम करने में मदद मिलती है।

5.दालचीनी शरीर की सुजन को दूर करती है। 

आप अपने शरीर में होने वाली सूजन को दूर करने के लिए दालचीनी चाय का उपयोग कर सकते हैं। दालचीनी चाय पूरे शरीर और त्‍वचा की सूजन, गले और फेफड़ों में खुजली, जलन आदि का प्रभावी उपचार कर सकती है।

 इसके अलावा यह जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द को दूर करने में मदद करती है। इस तरह से दालचीनी  के फायदे दर्द और सूजन की विभिन्‍न स्थितियों के लिए प्राप्‍त किये जा सकते है। 

6.फंगल इंफेक्शन

दालचीनी के फायदे में फंगल इन्फेक्शन को कम करना  भी शामिल है। दरअसल, दालचीनी में एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो फंगल संक्रमण से शरीर को बचाने व इससे संबंधित लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं । दालचीनी के तेल में पाया जाना वाला एंटी-फंगल प्रभाव कैंडिडा अल्बिकन्स, कैंडिडा ट्रॉपिकल और कैंडिडा क्रूसि से लड़ने में मदद कर सकता है।

7.स्वस्थ बाल

दालचीनी के पेड़ की पत्तियों का इस्तेमाल बालों को स्वस्थ रखने और घने बनाने के लिए किया जा सकता है। कई लोग एलोपिसिया या गंजेपन को दूर करने के लिए भी इसका उपयोग करते हैं। यह हेयर फॉलिकल्स की ग्रोथ को बढ़ाकर बालों को घना करने में मदद कर सकती है। हालांकि, इसमें मौजूद कौन सा तत्व बालों को बढ़ाने और गंजापन को कम करने का काम करता है, यह स्पष्ट नहीं है । इसकी पत्तियों के पेस्ट को बालों पर सीधे लगाकर धो सकते हैं। इसके अलावा पत्तियों को उबालकर काढ़ा बनने के बाद उससे बालों को धोया भी जा सकता है। ध्यान रखें कि काढ़ा ठंडा होने पर ही उसका इस्तेमाल हो।




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