शुगर कंट्रोल कैसे करें,बिना दवा के

 डायबिटीज रिवर्सल: जानिए, कैसे बिना दवा के रख सकते हैं शुगर का स्तर नियंत्रित

शुगर कंट्रोल कैसे करें और वह भी बिना दवा के, यह सवाल प्रत्येक मधुमेह पीड़ित व्यक्ति के दिमाग में रहता है। इसका कारण यह है कि शुगर से पीड़ित व्यक्ति ना केवल शुगर से परेशान होता है परंतु डायबिटीज को कंट्रोल करने की दवाओं के साइड इफेक्ट से भी परेशान रहता है।डायबिटीज के इलाज में शुगर नियंत्रित और उसके कारण होने वाली जटिलताओं को रोकने की दवा दी जाती है। 

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शुगर कंट्रोल कैसे करें,बिना दवा के


इसे हमेशा के लिए खत्म तो नहीं किया जा सकता,लेकिन हेल्दी डाइट और स्वस्थ आदतों से नियंत्रित जरूर कर सकते हैं। एक स्थिति ऐसी भी आती है,जब बिना दवा के शुगर नियंत्रित रहता है। जिसे रिवर्स डायबिटीज कहते हैं। अगर हर 3 माह में होने वाली जांच मैं hba1c का स्तर 6 से कम रहता है तो इसे रिवर्स डायबिटीज की श्रेणी में रख सकते हैं। प्रीडायबिटीज रिवर्स करना आसान है, लेकिन जिन्हें यह 10 15 वर्षों से है, उनमें भी कुछ गतिविधियों से इसे रिवर्स किया जा सकता है। ऐसे रोगी जिनमें पेनक्रियाज में इंसुलिन बनना बंद हो गया है, यह टाइप वन में होता है, या फिर टाइप 2 में लंबे समय तक बीमारी अनियंत्रित रहती है, जिससे इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाएं नष्ट हो जाती है। ऐसे  लोगों में डायबिटीज रिवर्स करना असंभव सा है। यहां हम आपको शुगर को रिवर्स करने के कुछ तरीकों के बारे में जानकारी दे रहे हैं -

सिंपल कार्ब्स से दूरी शुगर कंट्रोल करती है

मीठी,चीजें,ब्रेड,चावल,पास्ता,आलू,रिफाइंड वाली चीजें या जंक फूड  सिंपल कार्ब्स याने स्टार्च से भरपूर होते हैं। यह तुरंत पचते व ग्लूकोज में बदलते हैं। यही ग्लूकोस खून में पहुंचकर शुगर का स्तर बढ़ाते हैं।इन्हें लेने से बचें।

प्रोटीन डाइट का भरपूर प्रयोग डायबिटीज नियंत्रित रखता है

यदि आप डाइट में कैलोरी कम करते हैं, तो ऊर्जा के लिए प्रोटीन डाइट अधिक लें। इसमें अंडा,पनीर,अंकुरित दालें,दाल, नट्स और टोफू को शामिल करें। इससे कमजोरी महसूस नहीं होती है। विटामिन बी स्वास्थ्य को सही रखते हैं।

डाइट में कैलोरी कम करने से मधुमेह रिवर्स होता है

एक शोध के अनुसार डायबिटीज रोगी 8 सप्ताह तक 750 से 800 कैलोरी की डाइट लेता है तो इससे रिवर्स डायबिटीज में मदद मिलती है। कम कैलोरी वाले भोजन से जमा फेट कम होता है। कम कैलोरी युक्त आहार संतुलित तरीके से लेना होता है। इसमें विटामिंस,मिनरल्स, लवण आदि को भी डाइट में पर्याप्त मात्रा में शामिल करना जरूरी होता है। इससे कम कैलोरी युक्त डाइट के बावजूद अन्य मेटाबॉलिक गतिविधियां प्रभावित नहीं होती है। इसमें कुछ मरीजों में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। एक बार रिवर्स होने के बाद अच्छा महसूस होता है। लेकिन यह कार्य चिकित्सकीय देखरेख में ही करें।

एक्टिव रहें,वॉक करें

एक शोध बताता है कि नियमित दवाइयां लेने वाले और रोज 10000 कदम वॉक,जॉगिंग या व्यायाम से 500 से 700 कैलोरी तक बर्न करने वाले रोगियों में मधुमेह 50% तक घट सकता है।

शुगर कंट्रोल के लिए उपवास करें

एक रिसर्च में सामने आया है कि सप्ताह में 2 दिन उपवास और उसमें न्यूनतम डाइट 500 से 600 कैलोरी हो तो,इससे भी मधुमेह नियंत्रण में मदद मिल सकती है।लेकिन डाइट डॉक्टरी देखरेख में लें।

लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले भोजन से शुगर नियंत्रित रहती है

सेब,स्ट्रॉबेरी,आडू,नाशपाती,कीवी,टमाटर,खीरा ककड़ी,आलू बुखारा जैसे लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड्स ही खाएं। यह दिल की बीमारी, स्ट्रोक, नर्व्स, और किडनी रोगों की आशंका को भी घटाते हैं। ज्यादा मीठे फल ना खाएं।

फैटी फूड्स कम लें

फैटी फूड्स में अनहेल्दी सिंपल कार्ब्स होता है। इससे शुगर का स्तर तेजी से बढ़ता है। ऐसी चीजें खाने से बचें। पिज्जा,बर्गर,डोनट्स व फ्रेंच फ्राइस लेने से बचें। डाइट में ओमेगा-3 से भरपूर फूड्स ले सकते हैं।

बेली फैट न बढ़ने दें

मोटापे से गतिविधियां कम होने लगती है। इससे शरीर में इंसुलिन कम बनता है। जिसके कारण अंगों में शुगर का उपयोग कम होता है और एक समय बाद उसे खून में भेजने लगता है। इस तरह यह हाई ब्लड शुगर का कारण बनता है।

शुगर को बिना दवा के कंट्रोल करने के लिए ऊपर बताए गए तरीके रामबाण साबित हो सकते हैं, इन तरीकों का ही उपयोग करके न केवल शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है, बल्कि डायबिटीज को रिवर्स भी किया जा सकता है। किंतु आवश्यकता यह है कि इन तरीकों का उपयोग नियमित एवं लंबे समय तक करें शुगर  कंट्रोल करने के लिए इन तरीकों का उपयोग डॉक्टरी देखरेख में ही करें।

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