मोटा अनाज यानी सुपर फूड । coarse grain means superfood
मोटा अनाज(coarse grain) हर मौसम में उपयोगी है स्वास्थ्य के लिए
मोटे अनाज(coarse grain)की खेती और खानपान सदियों से हमारे देश भारत की परंपरा रही है। मोटे अनाज के रूप में ज्वार,बाजरा,जौ, रागी,मक्का,कांगनी शामिल है।
इनके उत्पादन में पानी उर्वरक आदि की अधिक आवश्यकता नहीं पड़ती है, इसलिए इन्हें मोटा अनाज(coarse grain)कहते हैं। इनको अधिक देखभाल की जरूरत भी नहीं पड़ती। कम उपजाऊ भूमि और बरसाती पानी की निर्भरता पर भी इन्हें आसानी से उगाया जा सकता है। इनमें कृत्रिम खाद जैसे यूरिया और पेस्टिसाइड डालने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
मोटा अनाज(coarse grain) स्वास्थ्य (health)के लिए सुरक्षित होता है
मोटा अनाज स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित है क्योंकि इनसे शरीर में यूरिया पेस्टिसाइड्स जैसा टॉक्सिंस की मात्रा नहीं जाती है। मोटे अनाज में पोषक तत्व और फाइबर प्रचुर मात्रा में मौजूद रहते हैं यह पोषण के दृष्टिकोण से भी अधिक लाभदायक है। इनके न्यूट्रिशन वैल्यू भी हाई होती है।
मोटे अनाज में जिंक, मैग्निशियम, मैग्नीज, फास्फोरस, आदि माइक्रोन्यूट्रिएंट्स एवं एंटीऑक्सीडेंट्स अच्छी मात्रा में होते हैं। यह सभी तत्व शरीर के पोषण के लिए आवश्यक होते हैं। मोटे अनाजों के सेवन से इनकी पूर्ति आसानी से हो जाती है।
यदि हम इन अनाजों में पोषक तत्वों की बात करें तो सौ ग्राम बाजरे से हमें 361 कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है तथा बाजरे की इस मात्रा में 42 मिलीग्राम कैल्शियम 80 मिलीग्राम आयरन साडे 11 मिलीग्राम प्रोटीन और 2 ग्राम फाइबर होता है। वही सौ ग्राम ज्वार में 349 कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है तथा इसमें 25 मिलीग्राम कैल्शियम 4.1 मिलीग्राम आयरन 10.4 मिलीग्राम प्रोटीन और 2.7 ग्राम फाइबर प्राप्त होता है। मक्का कि इतनी ही मात्रा से 342 कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है साथ ही 10 मिलीग्राम कैल्शियम 2.3 मिलीग्राम आयरन 9 ग्राम प्रोटीन और 2.4 ग्राम फाइबर प्राप्त होता है। राजेश a328 कैलोरी तथा जोर से 354 कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती। सौ ग्राम रागी में 344 मिलीग्राम कैल्शियम 3 पॉइंट 9 मिलीग्राम आयरन 12 ग्राम प्रोटीन और 3.6 ग्राम फाइबर प्राप्त होता है वही जोसे 33 मिलीग्राम कैल्शियम 3.6 मिलीग्राम आयरन 7 पॉइंट 3 ग्राम प्रोटीन और 17 ग्राम फाइबर प्राप्त होता है। कहने का तात्पर्य यह है कि मोटे अनाज अपने आप में पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं।इसलिए मोटे अनाज(coarse grain)को सुपरफूड(superfood)
जीवनशैली संबंधी रोगों से बचाव में उपयोगी
इतना गुणों के साथ मोटे अनाज वर्तमान में होने वाले जीवन शैली से संबंधित रोगों से बचाव के लिए भी उपयोगी है। मोटापा, हृदय रोग, कोलेस्ट्रॉल बढ़ना, मधुमेह जैसे रोग नहीं होते। क्योंकि मोटे अनाज का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है और वसा की मात्रा शून्य या बहुत ही नगण्य होती है।कई अन्य बीमारियों से भी बचाव होता है।
मोटे अनाज हर मौसम में स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं।
जो और जई गर्मी में और ज्वार,मक्का,बाजरा सर्दी में अधिक खाने चाहिए। ज्वार,बाजरा और मक्का भी गर्मी में खा सकते हैं लेकिन साथ में हरी सब्जियां,घी, मौसमी फलों की मात्रा बढ़ा दें ताकि इनका पाचन अच्छा हो। साथ में दही और छाछ भी अधिक ले। इनमें हो सकता अधिक होती है।
मोटे अनाज कई प्रकार के रोगों से बचाते हैं
मोटे अनाजों में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट कैंसर से बचाव में सहायता करते हैं इसमें मौजूद आयरन एनीमिया के खतरे को कम करता है। इसके अलावा भी विभिन्न प्रकार के मोटे अनाज विभिन्न प्रकार के फायदे हमें पहुंचाते हैं। जानते हैं मोटे अनाजों के फायदे के बारे में।
ज्वार के फायदे
ज्वार की रोटी सीवीयर एलर्जी से बचाती है। ज्वार में अति आवश्यक विटामिन b3 का एक प्रकार पाया जाता है, जिसे नियासिन कहते हैं।
नियासिन भोजन को ऊर्जा में रूपांतरित कर पूरे शरीर में पहुंचाता है। ज्वार में पाए जाने वाले दो प्रकार के खनिज, कैल्शियम और मैग्नीशियम हड्डियों के उत्तकों के समुचित विकास के लिए महत्वपूर्ण घटक होते हैं, जो बढ़ती उम्र के साथ हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक होते हैं।
ज्वार में मौजूद फाइबर भूख को नियंत्रित रखने का काम करता है,इसके कारण आपके खाने की मात्रा कम हो जाती है और काफी समय तक भूख का एहसास नहीं होता है। इसमें वजन कम करने में सहायता मिलती है।
बाजरा खाने के फायदे
बाजरा हाई फाइबर आयरन,प्रोटीन विटामिन, बी 6,फॉलिक एसिड,एंटीऑक्सीडेंट्स आदि से भरपूर होता है। बाजरा एक प्रकार का इम्यूनिटी बूस्टर है यह भोजन को पचाने में बहुत उपयोगी है। खासकर गर्भवतीयों के लिए यह बेहतर होता है। यह हमारी स्किन को ग्लो देता है। दिन में बाजरा सो डेढ़ सौ ग्राम से ज्यादा न खाएं।
बाजरे की तासीर गर्म होती है आता है यह अस्थमा,पाइल्स, थायराइड, फिस्टुला,गैस,कब्ज संबंधी रोगों में दिक्कत दे सकता है।अतः इन बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों को बाजरे का सेवन कम से कम करना चाहिए।
बाजरा वजन कम करने में सहायक होता है। यह एक इम्यूनिटी बूस्टर भी है। यह बुढ़ापे के रोगों के प्रभाव को कम करता है।
मक्का के फायदे
मक्का में विटामिन बी 12, विटामिन ए,कैरोटीन ओमेगा 3 फैटी एसिड, आयरन हाई फाइबर फोलिक एसिड भरपूर मात्रा में होते हैं। इसमें थाई में नामक तत्व पाया जाता है जो अल्जाइमर रोग में फायदेमंद होता है। मक्का का सेवन हृदय रोगों की आशंका को कम करता है।
किंतु अधिक मात्रा में मक्का के सेवन से क्रिप्टो फैन अमीनो एसिड का लेवल कम होता है। मक्का गर्भवती महिलाओं में वजन घटाने के साथ ही गर्भस्थ शिशु के विकास बालों की वृद्धि और याददाश्त लौटाने मैं सहायक होती है।
बाजरा और मक्का सहित मोटा अनाज हाई कैलोरी फूड गेहूं की तुलना में बेहतर होता है यह पचने में आसान होते हैं और विषैले तत्वों को शरीर से बाहर निकालने का कार्य करते हैं।
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